इनैलो की घोषणाएं और वायदे बदलाव का सूचक
चंडीगढ़ (प्रैसवार्ता) 13 अक्तूबर को होने जा रहे हरियाणा विधानसभा के चुनाव में इनैलो की घोषणाएं तथा वायदे मतदाताओं की सोच में बदलाव लाते नजर आने लगे हैं, जबकि कांग्रेस सोनिया गांधी के नाम और विकास पर मतदाताओं के बीच रही है। मतदाताओं को लुभावने के लिए हजकां, भाजपा भी वायदों की झड़ी लगा रही है, मगर प्रदेश में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर सीधा चुनावी संघर्ष कांग्रेस व इनैलो में होता दिखाई देता है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में यू।पी।ऐ की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डा. मनमोहन सिंह, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, केन्द्रीय मंत्री शैलजा को उतारा हुआ है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस की तर्ज पर भाजपाई दिग्गज लालकृष्ण अडवाणी, राजनाथ, सुषमा स्वराज, अरुण जेतली, प्रेम कुमार घूमल इत्यादि को भाजपा प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार की कमान सौंपी है। प्रमुख विपक्षी दल इनैलो अपने तीन स्टार प्रचारकों सर्वश्री ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला व अभय चौटाला के अतिरिक्त पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, हजकां पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल तथा कुलदीप बिश्रोई मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं, जबकि बसपा मनहेड़ा तब ही सीमित दिखाई देती है। मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए इनैलो की चुनावी घोषणा व वायदों की पिटारी अन्य दलों पर भारी पड़ रही है। इनैलो ने राज्य के सभी समुदाय के लोगों को ध्यान में रखकर एक लाख रुपये तक कर्ज माफी, छठें वेतन आयोग को ज्यों का त्यों लागू करने, गरीब परिवार को प्रति मास 25 किलो अनाज मुफ्त, हर परिवार को नि:शुल्क गैंस कनैक्शन व चूल्हा सिलैंडर, सरकारी महिला कर्मचारियों को 13 मास का वेतन, निजी क्षेत्रों की नौकरियों में हरियाणा वासियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण, तीन हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता, श्री ननकाना साहब व श्री कटास राज की सवा लाख यात्रियों को सरकारी खर्च पर दर्शन, एस.टी 38 समाप्त करने और सरकारी नौकरियों के लिए आयु सीमा 40 से 45 वर्ष करने का प्रभाव राज्य के मतदाताओं में बखूबी देखा जा रहा है। इनैलो ने किसानों का समर्थन हासिल करने के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 1400 रुपये करने, गन्ने की कीमत 250 रुपये करने, धान पर 50 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने, कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत सबसिड़ी, ट्रैक्टर कर्ज के लिए भूमि के स्थान पर ट्रैक्टर ही गिरवी रखने, नरमा, कपास पर मार्किट फीस 4 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने, फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग सैंटर खोलने, सड़कों व नहरों के पास खेतों में लगे वृक्षों में तीन चौथाई हिस्सेदारी फसल बीमा योजना, नहरी पानी का आबियाना समाप्त, कर्ज लेने पर स्टाम्प डयूटी नहीं, मुफ्त टूयबवैल कनैक्शन व टयूबवैल का बीमा सरकारी खर्च इत्यादि घोषणाएं एंव वायदों का असर भी किसान वर्ग पर देखा जा रहा है। कांग्रेस का चुनावी प्रचार इनैलो की इन घोषणाओं और वायदों के आगे फीका दिखाई देता है। इनैलो ने सभी वर्गों को ध्यान में रखकर घोषणा पत्र जारी किया है। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण, सत्ता में पूर्ण भागीदारी, मल्टी परपज हैल्थ वर्कर तथा आंगनवाड़ी वर्करों को वर्दी भत्ता, कामकाजी महिलाओं के लिए शहरों में ओस्टल, आत्म रक्षा के लिए मुफ्त प्रशिक्षण इत्यादि घोषणा महिला मतदाताओं का रूझान बदलने में सहायक सिद्ध हो रही है। इनैलो की यह चुनावी घोषणाएं और वायदे क्या परिणाम देते हैं, यह तो मतपेटियां खुलने उपरांत पला चलेगा, मगर मतदाताओं की सोच बदलकर प्रदेश में बदलाव लाने के लिए इनैलो ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।