सिटीकिंग परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। सिटीकिंग परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 098126-19292 पर संपर्क करे सकते है।

BREAKING NEWS:

गरीबी नहीं गरीबों को हटाने में लगी कांग्रेस-ऐरन

27 फरवरी 2010
हिसार(सिटीकिंग) इंडियन नेशनल लोकदल के हलका प्रधान हनुमान ऐरन ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पेश किए गए बजट को आ गरीब जनता की जेब काटने वाला तथा पूंजीपतियों की जेब भरने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को हटाने पर लगी हुई है। यहां जारी एक पै्रस बयान में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सटोरियों, सट्टेबाजों, मुनाफाखोरों की सरकार है। इससे आम जनता की भलाई की अपेक्षा करना ही गलत है। श्री ऐरन ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी करके कांग्रेस ने अपना जनविरोधी चेहरा दिखा दिया है। पेट्रो-डीजल के दाम बढ़ाना एक प्रकार से जनता पर कर थोपे जाने जैसा है। इसका प्रभाव बाजार में हर वस्तु पर पड़ता है, जिससे बाजार में महंगाई और बड़ेगी। सीमेंट के दाम बढ़ाने से आम आदमी के लिए मकान बनाना और मुश्किल हो जाएगा। उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से टेलीविजन, रेफ्रीजरेटर, एयरकंडीशनर तथा वाशिंग मशीनें महंगी हो जाएंगी। डीजल की कीमतों से परिवहन सुविधाएं और महंगी हो जाएंगी। श्री ऐरन ने कहा कि जनता को इस बजट से महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल समेत सभी जरूरत की चीजों के दाम बढ़ाकर साबित कर दिया है कि आम जनता की समस्याओं से उसे कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में आम जनता के लिए किसी तरह की राहत न होने से महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी। कांग्रेस सरकार महंगाई से निपटने के प्रति जरा भी गंभीर नहीं है, उसकी नीतियां सिर्फ चंद पूंजीपतियों के लिए ही बनती हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी का खून चूसकर आखिरकार कांग्रेस किस तरक्की की बात कर रही है। श्री ऐरन ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने से भी वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे। छठे वेतन आयोग के अनुसार हुई वेतन बढ़ोतरी के मुताबिक आयकर में छूट की सीमा नहीं बढ़ाए जाने से वेतनभोगी कर्मचारियों को भी आम बजट से घोर निराशा हुई है।

Post a Comment