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मुटियारों के लंबे-ऊंचे कद पर ग्रहण

अमृतसर (प्रैसवार्ता) डी.ऐ.वी. कालेज अमृतसर के स्पोटर्स विभाग के प्रोफैसर डा० बी.वी.यादव तथा इतिहास के प्रोफैसर योगेश स्नेही द्वारा संयुक्त रूप से किये गये शोध से खुलासा हुआ है कि पंजाब राज्य की शहरी मुटियारों की लंबाई पर ग्रहण लग गया है, जिसका कारण खेलो में कम भागीदारी तथा जंक फूड का अधिक प्रयोग माना जा रहा है। पिछले तीन दशक में शहरी मुटियारों की लम्बाई ३ से ५ इंच तक कम हुई है। जबकि शहरी मुटियारों का रूझान मैदानों में खेलने की जगह कम्प्यूटर पर गेम खेलने, चैटिंग करने या इंटरनेट पर इलैक्ट्रिक गेम की तरफ बढ़ा है। लुधियाना, जालन्धर तथा अमृतसर शहरों में किये शोध से पता चलता है कि पिछले एक दशक में बालीवाल, बास्केटवाल, खो-खो, फुटवाल तथा एथलेटिक्स आदि की भागीदारी में 50 प्रतिशत मुटियारों की कमी आई है। पिछले तीन वर्षों में तो राज्य के दर्जनों कालेजों में विभिन्न-2 खेलों के लिए लड़कियों की टीम तैयार करना मुसीबत बन गई है। लड़कियों की लंबाई कम होने के कारण राज्यकी डेढ दर्जन बालीवाल की टीमें समाप्त हो गई है। शोध के दौरान यह भी सामने आया है कि पहले आऊटडोर खेलों में लड़कियों की भागीदारी 65 प्रतिशत से कम होकर 30 प्रतिशत रह गई है। राज्य के करीब एक दर्जन कालेजों में पहले महिला हॉकी टीमें थी, अब मात्र चार-पांच कालेज में ही है। बड़े शहरों में वालसिटी के अन्दर करीब 800 कालेज छात्राओं में से 80 ने ही मैदान में आकर खेलों में हिस्सा लेने की प्रतिक्रिया दिखाई, जबकि 95 का झुकाव इन्डोर खेलों में दिखा। मात्र साढ़े पांच प्रतिशत लड़कियों ने ही शिक्षा के साथ-साथ खेलों को अपनाने की तरफ रूझान दिखाये, जबकि 2 प्रतिशत ही खेलों को कैरियर बनाने के प्रति गंभीर थी। लड़कियों ने परंपरागत खेल कोटला ......., खो-खो, स्टापू, योगा, व जिमनास्टिक, छोटी रेस, रस्सी कूदना आदि खेलों को भूलाते हुए उपरोक्त खेलों से दूरी बना ली है। शहरी लड़कियां पौष्टिक भोजन से भी परहेज कर रही है। 74 प्रतिशत लड़किया़ फास्टफूड, न्यूडल, बर्गर, डोसा, इडली, सैंडविच ब्रैड आदि का प्रयोग कर रही है। 69 प्रतिशत दूध तथा 94 प्रतिशत देसी घी से परहेज करती है। परिणाम है कि लड़कियों की लंबाई औसतन 5 फुट से ज्यादा नहीं हो रही। शोध में सौ लड़कियों में से सिर्फ 22 ही ऐसी सामने आई, जिनकी लम्बाई 5 फुट 4 इंच से ज्यादा थी।

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