हरियाणा में आधे से ज्यादा लोग करते हैं-नशा
सिरसा(प्रैसवार्ता)हरियाणा में 53 प्रतिशत लोग शराब, अफीम, गांजा, भांग, चरस, पोस्त-ब्राउन शूगर तथा नशीले टीके व नशीली दवाईयों का सेवन करते हैं, जबकि एक प्रतिशत महिलाओं को भी नशे की लत है। एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश के लगभग सभी वर्गों व व्यवसायों से जुड़े लोग इन नशों की गिरफ्त में हैं। चालीस प्रतिशत लोग शराब का सेवन करते हैं, जिनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी, कृषक व मजदूर वर्ग विशेष भूमिका रखते हैं। प्रदेश का साठ प्रतिशत के करीब युवा वर्ग शराब, धूम्रपान तथा नशीली दवाओं का सेवन करता है, जबकि युवा वर्ग शराब सेवन को स्टेटस सिंबल को बनाए रखने के लिए अपराध जगत में भी प्रवेश कर जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल ने युवा वर्ग की आपराधिक प्रवृत्ति पर रोक लगाने व समाज को नशे की लत से मुक्त कराने के लिए शराबबंदी लागू की थी, मगर शराबबंदी का निर्णय वापिस लेना पड़ा। शराबबंदी के दौरान युवा वर्ग अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने लग गया व कई घातक नशों का शिकार हो नशेड़ी बनने पर विवश हुआ। नशा विरोधी अधिकांश संगठनों व लोगों ने प्रदेश में बढ़ रहे नशा प्रचलन पर चिंता व्यक्त करते हुए अंकुश लगाने की मांग की है, जबकि कुछ बुद्धिजीवियों की राय है कि जनसंपर्क अभियान चलाकर सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं नशा विरोधी अभियान चलाएं ताकि नशा करने वालों को नशे की बुराईयों से अवगत करवा कर उन्हें व प्रदेश को नशा मुक्त किया जा सके।