291 करोड़ की दो परियोजनाएं स्वीकृत
27 जनवरी 2010
सिरसा(लोकसंपर्क) सिरसा शहर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने और सीवरेज प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 291 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं स्वीकृत की हैं जिनमें से 161 करोड़ की एक पंजुआना में 'नहरी पानी आधारित तीसरा जलघर' और 130 करोड़ रुपये की दूसरी 'सीवरेज परियोजना' शामिल है। यह जानकारी हरियाणा के गृह, उद्योग राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने गत सायं हिसारिया बाजार स्थित अपने निजी कार्यालय में लोगों की समस्याएं सुनते हुए दी। उन्होंने बताया कि पंजुआना गांव में जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट के स्थापित होने से आगामी वर्ष 2040 तक पेयजल आपूर्ति की समस्या खत्म हो जाएगी और शहर की आबादी को स्वच्छ पेयजल मिल पाएगा। यह पानी पूरी तरह टीडीएस और कीटाणु मुक्त होगा। उन्होंने बताया कि यह जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट पंजुआना गांव में 115 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 45 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। शेष भूमि के अधिग्रहण की औपचारिकताएं भी अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि पर 23 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। बाकी राशि जलघर व ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा यह प्रोजेक्ट आगामी वर्ष 2040 की आबादी को मद्देनजर रखते हुए तैयार किया गया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने के तुरंत बाद शहर की आबादी को 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो पाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट के शुरुआती दौर में आठ टेंकों का निर्माण किया जाएगा। इसके पश्चात ज्यों-ज्यों आबादी की अधिकता होगी टेंकों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए शहर के विभिन्न जगहों पर आधा दर्जन बुस्टिंग स्टेशन बनवाए जाएंगे जहां से पर्याप्त मात्रा में सप्लाई भी सुनिश्चित की जाएगी और टीडीएस और वाटर स्वच्छता के पैरामीटर के आधार पर चैकिंग भी की जाएगी। श्री कांडा ने बताया कि शहर में सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 130 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है जिससे शहर की पुरानी कालोनियों के साथ-साथ इसी वर्ष स्वीकृत हुई 13 कालोनियों में सीवरेज की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर की अग्रवाल कालोनी, चावला कालोनी, चत्तरगढ़पट्टी के आसपास लगती सभी छोटी-बड़ी कालोनियों में पानी गंदे पानी की निकासी के लिए 40 इंच तक की चौड़ाई वाली मैन सीवर लाईन बनाई जाएगी जिसे केलनियां वाटर डिस्पोजल प्लांट में मिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहर के आस-पास 17 करोड़ रुपये की लागत से दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे जहां पर सीवरेज के गंदे पानी को ट्रीट करके किसानों को फसल सिंचाई के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक सीवरेज ट्रीट प्लांट नटार गांव में और दूसरा केलनियां गांव में लगाया जाएगा। साढ़े 8-8 करोड़ रुपये की लागत वाले इन ट्रीटमेंट प्लांटों के बनने से जहां सीवर के पानी का सही उपयोग हो पाएगा जिससे आसपास के किसानों की फसलें लहलाएंगी। इस प्रकार से यह प्लांट सफाई के साथ-साथ किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगा।
सिरसा(लोकसंपर्क) सिरसा शहर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने और सीवरेज प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 291 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं स्वीकृत की हैं जिनमें से 161 करोड़ की एक पंजुआना में 'नहरी पानी आधारित तीसरा जलघर' और 130 करोड़ रुपये की दूसरी 'सीवरेज परियोजना' शामिल है। यह जानकारी हरियाणा के गृह, उद्योग राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने गत सायं हिसारिया बाजार स्थित अपने निजी कार्यालय में लोगों की समस्याएं सुनते हुए दी। उन्होंने बताया कि पंजुआना गांव में जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट के स्थापित होने से आगामी वर्ष 2040 तक पेयजल आपूर्ति की समस्या खत्म हो जाएगी और शहर की आबादी को स्वच्छ पेयजल मिल पाएगा। यह पानी पूरी तरह टीडीएस और कीटाणु मुक्त होगा। उन्होंने बताया कि यह जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट पंजुआना गांव में 115 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। जलघर एवं ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 45 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। शेष भूमि के अधिग्रहण की औपचारिकताएं भी अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि पर 23 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। बाकी राशि जलघर व ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा यह प्रोजेक्ट आगामी वर्ष 2040 की आबादी को मद्देनजर रखते हुए तैयार किया गया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने के तुरंत बाद शहर की आबादी को 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो पाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट के शुरुआती दौर में आठ टेंकों का निर्माण किया जाएगा। इसके पश्चात ज्यों-ज्यों आबादी की अधिकता होगी टेंकों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए शहर के विभिन्न जगहों पर आधा दर्जन बुस्टिंग स्टेशन बनवाए जाएंगे जहां से पर्याप्त मात्रा में सप्लाई भी सुनिश्चित की जाएगी और टीडीएस और वाटर स्वच्छता के पैरामीटर के आधार पर चैकिंग भी की जाएगी। श्री कांडा ने बताया कि शहर में सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 130 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है जिससे शहर की पुरानी कालोनियों के साथ-साथ इसी वर्ष स्वीकृत हुई 13 कालोनियों में सीवरेज की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर की अग्रवाल कालोनी, चावला कालोनी, चत्तरगढ़पट्टी के आसपास लगती सभी छोटी-बड़ी कालोनियों में पानी गंदे पानी की निकासी के लिए 40 इंच तक की चौड़ाई वाली मैन सीवर लाईन बनाई जाएगी जिसे केलनियां वाटर डिस्पोजल प्लांट में मिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहर के आस-पास 17 करोड़ रुपये की लागत से दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे जहां पर सीवरेज के गंदे पानी को ट्रीट करके किसानों को फसल सिंचाई के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक सीवरेज ट्रीट प्लांट नटार गांव में और दूसरा केलनियां गांव में लगाया जाएगा। साढ़े 8-8 करोड़ रुपये की लागत वाले इन ट्रीटमेंट प्लांटों के बनने से जहां सीवर के पानी का सही उपयोग हो पाएगा जिससे आसपास के किसानों की फसलें लहलाएंगी। इस प्रकार से यह प्लांट सफाई के साथ-साथ किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगा।