स्वागत नववर्ष का नवीन सौगातों के साथ
01 जनवरी 2010
प्रस्तुति: प्रेम फीचर्स
परितर्वन प्रकृति का अटल नियम है और यह नियम कभी परिवर्तित नहीं होता। सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें तो प्रत्येक परिवर्तन नवीनता लिए हुए होता है, और इस नवीनता में होता है-नवसृजन, जिसके प्रति हम जिज्ञासु होते हैं। हमारी यह जिज्ञासा स्वाभाविक भी है। ऐसे में यदि जिज्ञासा नववर्ष की हो तो इसमें जिज्ञासा के साथ सुखद अनुभूति भी समाहित रहती है, क्योंकि नववर्ष अच्छे-बुरे पलों और सुख-दु:ख भरी खट्टी-मीठी यादों को समय रूपी पन्नों पर अंकित करने का मुख पृष्ठ होता है। यूं तो प्रत्येक वर्ष सुख-दु:ख और अच्छे-बुरे पलों के साथ आते जाते रहते ही हैं जिनका अपना निराला अंदाज होता है। कभी कुछ पाने की प्रफुल्लता होती है, तो कभी कुछ खोने का गम, कहीं फूलों भरी बगिया मिलती है, तो कहीं कांटों भरा दामन। लेकिन यदि हम इस नववर्ष रूपी मुखपृष्ठ को सजा-संवार कर उसके भीतरी पन्नों पर तमाम सुख:दु:ख भरी यादों को सहेज सकें, तो जीवन को एक नयी दिशा मिल सकेगी, जिसके मार्गदर्शन से हम अपना प्रत्येक कदम सार्थकता की दिशा में आगे बढ़ा सकेंगे। नववर्ष न केवल वर्ष का शुभारंभ है, बल्कि नए-नए विचारों के अंकुरित होने और छोटी-बड़ी आशाओं को क्रियान्वित करने का सुअवसर भी है। मन की अभिलाषाएं व कुछ अधूरे सपने उन्हें पूर्ण करने का दृढ़ संकल्प, लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाकर उसे पाने की ललक, कुछ कर गुजरने की चाह, अतीत की असफलताओं और दु:खद पलों को भूल जाने की चेष्टा, बुलंद हौसले, खुशियों को समेट लेने की तमन्ना और भी बहुत कुछ, जो हमारे लिए सौगातों का स्वर्णिम कोष है, जिसे लेकर आता है नववर्ष। नववर्ष उल्लास और उमंग का उत्सव है। नववर्ष, नवजीवन, नवसृजन, नवकल्पना, नवधारणा का समन्वय है। नई शक्ति और चेतना के संचार का उद्गम है। सद्भावना और अपनत्व का सुंदर उपहार है। तभी तो हम सभी करते हैं नववर्ष की बेसब्री से प्रतीक्षा आइए, हम सभी नववर्ष में यह संकल्प लें कि यह वर्ष सभी के लिए सुख, शांति और खुशहाली से समृद्ध हों। सबका जीवन खुशियों भरा, स्वस्थ, निरोगी और आनंदमय हो। नववर्ष में हम कुछ ऐसा कर जाएं, जो हमारे लिए तो यादगार बने ही साथ ही साथ दुनिया के लिए भी एक अविस्मरणीय उपहार बन जाए।