पत्रकारों ने दिया जबरदस्त धरना, पुलिस प्रशासन के समक्ष की नारेबाजी
डी.एस.पी. रामफल को बर्खास्त करने की मांग की
19 जनवरी 2010
ऐलनाबाद(सिटीकिंग) आचार संहिता के उल्लघंन के मामले को लेकर पुलिस थाना में कवरेज करने गए पत्रकारों को थाना में प्रवेश न करने देने के परिणामस्वरूप रुष्ट पत्रकारों ने आज ऐलनाबाद पुलिस स्टेशन के समक्ष जबरदस्त धरना दिया व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। पुलिस स्टेशन के समक्ष दिए इस धरने में प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया के सभी पत्रकार व छायाकार शामिल थे। प्राप्त विवरणानुसार ऐलनाबाद उपचुनाव में चुनाव आयोग द्वारा लगी आदर्श संहिता के उल्लघंन के एक मामले में कवरेज करने के लिए आज पत्रकार व छायाकार पुलिस स्टेशन में गए, लेकिन थाना के बाहर खड़े इंस्पैक्टर ने डी.एस.पी. रामफल के आदेश का हवाला देते हुए पत्रकारों को थाना में प्रवेश करने से मना कर दिया, जिसके बाद पत्रकार करीब दो घंटे तक पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े रहे। इस दौरान पत्रकारों ने एस.पी. सिरसा तक भी अपनी शिकायत पहुंचाई कि उन्हें थाना में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे रुष्ट पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस उपअधीक्षक रामफल व इंस्पैक्टर को बर्खास्त करने की मांग की। पत्रकारों ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है, जब उक्त डी.एस.पी. ने उनसे दुव्र्यवहार किया है। इससे पूर्व भी उक्त डी.एस.पी. ने उन्हें गत विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्र में जाने से रोका था, जबकि उनके पास चुनाव आयोग का प्रवेश पत्र भी था। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त डी.एस.पी. पत्रकारों के नाम से ही चिढ़ता है और सदैव पुलिस प्रशासन की गतिविधियों को पत्रकारों के सामने आने नहीं देता। पत्रकारों ने डी.एस.पी. की कार्यप्रणाली पर संदेह जताते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की, ताकि भविष्य में पत्रकारों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा दुव्र्यवहार करने की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इस घटना की भनक लगते हुए इनैलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व मंत्री सुभाष गोयल भी वहां पहुंचे और धरने पर बैठे पत्रकारों से बातचीत कर पुलिस प्रशासन के रवैये पर दु:ख प्रकट किया। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि जब तक इस मामले में डी.एस.पी. को बर्खास्त नहीं किया जाता है वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। समाचार भेजे जाने पत्रकार अपने धरने पर बैठे हुए थे।
ऐलनाबाद(सिटीकिंग) आचार संहिता के उल्लघंन के मामले को लेकर पुलिस थाना में कवरेज करने गए पत्रकारों को थाना में प्रवेश न करने देने के परिणामस्वरूप रुष्ट पत्रकारों ने आज ऐलनाबाद पुलिस स्टेशन के समक्ष जबरदस्त धरना दिया व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। पुलिस स्टेशन के समक्ष दिए इस धरने में प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया के सभी पत्रकार व छायाकार शामिल थे। प्राप्त विवरणानुसार ऐलनाबाद उपचुनाव में चुनाव आयोग द्वारा लगी आदर्श संहिता के उल्लघंन के एक मामले में कवरेज करने के लिए आज पत्रकार व छायाकार पुलिस स्टेशन में गए, लेकिन थाना के बाहर खड़े इंस्पैक्टर ने डी.एस.पी. रामफल के आदेश का हवाला देते हुए पत्रकारों को थाना में प्रवेश करने से मना कर दिया, जिसके बाद पत्रकार करीब दो घंटे तक पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े रहे। इस दौरान पत्रकारों ने एस.पी. सिरसा तक भी अपनी शिकायत पहुंचाई कि उन्हें थाना में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे रुष्ट पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस उपअधीक्षक रामफल व इंस्पैक्टर को बर्खास्त करने की मांग की। पत्रकारों ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है, जब उक्त डी.एस.पी. ने उनसे दुव्र्यवहार किया है। इससे पूर्व भी उक्त डी.एस.पी. ने उन्हें गत विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्र में जाने से रोका था, जबकि उनके पास चुनाव आयोग का प्रवेश पत्र भी था। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त डी.एस.पी. पत्रकारों के नाम से ही चिढ़ता है और सदैव पुलिस प्रशासन की गतिविधियों को पत्रकारों के सामने आने नहीं देता। पत्रकारों ने डी.एस.पी. की कार्यप्रणाली पर संदेह जताते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की, ताकि भविष्य में पत्रकारों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा दुव्र्यवहार करने की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इस घटना की भनक लगते हुए इनैलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व मंत्री सुभाष गोयल भी वहां पहुंचे और धरने पर बैठे पत्रकारों से बातचीत कर पुलिस प्रशासन के रवैये पर दु:ख प्रकट किया। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि जब तक इस मामले में डी.एस.पी. को बर्खास्त नहीं किया जाता है वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। समाचार भेजे जाने पत्रकार अपने धरने पर बैठे हुए थे।