जिला में यातायात को सुचारू बनाए जाने के लिए हो रहे प्रयासों की सराहना
02 फरवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) नगर की प्रमुख समाजसेवी संस्था लॉयन्ज क्लब सिरसा प्राईड के प्रधान रमेश मेहता ने जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला में यातायात को सुचारू बनाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है लेकिन नियमों को लागू करने वाले निचले स्तर के अधिकारियों पर पक्षपात रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है। आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में श्री मेहता ने कहा कि हाल में पदभार संभालने वाले पुलिस अधीक्षक श्रीकांत जाधव ने थोड़े ही समय में यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए अति महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हं जिसमें स्थानीय यातायात प्रभारी जोगिन्द्र सिंह इसे ठोस और व्यवहारिक रूप से लागू किया है लेकिन इसी विभाग के ही कुछ अधिकारी इस कार्य में भेदभाव का रवैया अपना रहे हंै। इस सम्बन्ध में उन्होंने आज सुबह ही 11 बजे ही स्थानीय कोर्ट रोड स्थित रेलवे फाटक का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि यातायात विभाग का उपपुलिस निरीक्षक पवन कुमार आने-जाने वाहनों के कागजात आदि की जांच कर रहा था तथा इसी क्रम में उस द्वारा लगातार कई वाहन चालकों से बेहद अपमान व्यवहार भी किया जा रहा था। श्री मेहता ने कहा कि उसके सामने एक मोटरसाईकिल पर सवार तीन युवकों को इस अधिकारी ने रोक लिया तथा उक्त मोटरसाईकिल सवार ने मौके पर अपनी गलती मान ली तथा जो कागजात उसके पास नहीं थे वे घर से लाकर देने की प्रार्थना की लेकिन उक्त अधिकारी ने उसकी एक न सुनते हुए उसका चालान कर दिया। श्री मेहता ने कहा कि वे इस अधिकारी की इस कार्यवाही को जायज मान रहे थे क्योंकि जो यातायत को उल्लंघन करता है उसका चालान जायज है। इसके 10 मिनट बाद एक मोटरसाईकिल जिस पर यथावत तीन सवारियां थी उसे रोका गया लेकिन मोटरसाईकिल चालक ने अपने मोटरसाईकिल को साईड में ले जाकर उक्त उपपुलिस निरीक्षक से कुछ बात की तो जिस पर तुरन्त मोटरसाईकिल को बिना चालान किए छोड़ दिया। परन्तु मौके पर मौजूद श्री मेहता ने इसका कड़ा विरोध किया तथा भेदभावपूर्ण घटना की सूचना देने के लिए यातायात प्रभारी श्री जोगिन्द्र सिंह को घटना की जानकारी देनी चाही तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। प्रधान रमेश मेहता ने कहा कि ऐसे अधिकारी ही यातायात की व्यवस्था सुचारू बनाने की मुहिम में बाधा बने हुए हैं इसलिए ऐसे लोगों को ऐसे महत्त्वपूर्ण कार्य से अलग किया जाना चाहिए ताकि जनता का प्रशासन पर विश्वास कायम हो सके जिससे वे पुलिस का सहयोग करने के लिए आगे आ सकें।
सिरसा(सिटीकिंग) नगर की प्रमुख समाजसेवी संस्था लॉयन्ज क्लब सिरसा प्राईड के प्रधान रमेश मेहता ने जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला में यातायात को सुचारू बनाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है लेकिन नियमों को लागू करने वाले निचले स्तर के अधिकारियों पर पक्षपात रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है। आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में श्री मेहता ने कहा कि हाल में पदभार संभालने वाले पुलिस अधीक्षक श्रीकांत जाधव ने थोड़े ही समय में यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए अति महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हं जिसमें स्थानीय यातायात प्रभारी जोगिन्द्र सिंह इसे ठोस और व्यवहारिक रूप से लागू किया है लेकिन इसी विभाग के ही कुछ अधिकारी इस कार्य में भेदभाव का रवैया अपना रहे हंै। इस सम्बन्ध में उन्होंने आज सुबह ही 11 बजे ही स्थानीय कोर्ट रोड स्थित रेलवे फाटक का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि यातायात विभाग का उपपुलिस निरीक्षक पवन कुमार आने-जाने वाहनों के कागजात आदि की जांच कर रहा था तथा इसी क्रम में उस द्वारा लगातार कई वाहन चालकों से बेहद अपमान व्यवहार भी किया जा रहा था। श्री मेहता ने कहा कि उसके सामने एक मोटरसाईकिल पर सवार तीन युवकों को इस अधिकारी ने रोक लिया तथा उक्त मोटरसाईकिल सवार ने मौके पर अपनी गलती मान ली तथा जो कागजात उसके पास नहीं थे वे घर से लाकर देने की प्रार्थना की लेकिन उक्त अधिकारी ने उसकी एक न सुनते हुए उसका चालान कर दिया। श्री मेहता ने कहा कि वे इस अधिकारी की इस कार्यवाही को जायज मान रहे थे क्योंकि जो यातायत को उल्लंघन करता है उसका चालान जायज है। इसके 10 मिनट बाद एक मोटरसाईकिल जिस पर यथावत तीन सवारियां थी उसे रोका गया लेकिन मोटरसाईकिल चालक ने अपने मोटरसाईकिल को साईड में ले जाकर उक्त उपपुलिस निरीक्षक से कुछ बात की तो जिस पर तुरन्त मोटरसाईकिल को बिना चालान किए छोड़ दिया। परन्तु मौके पर मौजूद श्री मेहता ने इसका कड़ा विरोध किया तथा भेदभावपूर्ण घटना की सूचना देने के लिए यातायात प्रभारी श्री जोगिन्द्र सिंह को घटना की जानकारी देनी चाही तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। प्रधान रमेश मेहता ने कहा कि ऐसे अधिकारी ही यातायात की व्यवस्था सुचारू बनाने की मुहिम में बाधा बने हुए हैं इसलिए ऐसे लोगों को ऐसे महत्त्वपूर्ण कार्य से अलग किया जाना चाहिए ताकि जनता का प्रशासन पर विश्वास कायम हो सके जिससे वे पुलिस का सहयोग करने के लिए आगे आ सकें।