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सिरसा जिले के कालुआना गांव ने राज्य स्तर पर बनाई अलग पहचान: ख्यालिया

04 फरवरी 2010
सिरसा(लोकसंपर्क) राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले के कालुआना गांव ने राज्य स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है। निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना के तहत गांव को राज्य में प्रथम स्थान मिला है और 20 लाख रुपए का ईनाम इस योजना के तहत मिला है। कालुआना गांव ने सम्पूर्ण स्वच्छता के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी नए आयाम स्थापित किए है और गांव आज किसी शहर से कम नजर नहीं आ रहा है। इन सारी उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए गांव के सरपंच गांव में सभी सुविधाओं के लिए जिला के उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हुए कहते है कि उनके सहयोग व जिला प्रशासन की सहायता से ही यह सुविधाएं उपलब्ध हुई है। गांव में जब स्वच्छता अभियान तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त के मार्गदर्शन में चलाया गया था तब से ही गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने पूरा सहयोग दिया और अभियान को शत् प्रतिशत सफल बनाया जिसके फलस्वरुप स्वच्छता के मामले में गांव आज प्रदेश के पटल पर आया है। राज्य स्तर पर अव्वल स्थान पाने पर गांव के सरपंच श्री जगदेव सिंह को गत 26 जनवरी को जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव श्री सुलतान सिंह जडौला ने सम्मानित किया। गांव के सरपंच जगदेव सिंह जो मैट्रिक तक पढ़े है ने बताया कि वर्तमान में गांव के सभी 1048 घरों में शौचालय बन चुके है और सभी लोग घरों में बने शौचालयों का प्रयोग कर रहे है। इस प्रकार से पूरा गांव खुले में शौच मुक्त हो गया है। यहां तक की बाहर से आने वाले घुमंतु परिवार भी खुले में शौच नही जाते क्योंकि गांव में दो बड़े-बड़े सार्वजनिक शौचालय बनाए गए है जहां पर पानी और सफाई की समुचित व्यवस्था की गई है। बाकायदा सफाई के लिए कर्मचारी रखे हुए है। ग्रामीणों के सहयोग से गांव में सभी नाजायज कब्जों को हटवा दिया गया है। सरपंच ने बताया कि गांव की विभिन्न गलियों और रास्तों में पड़े रुडिय़ों और गंदगी के ढेर साफ करवाए जा चुके है, यहां तक की गांव की मुख्य-मुख्य गलियो के दोनों और छायादार पौधे लगवाए गए है। इन पौधों की देखभाल करने के लिए वन विभाग के सहयोग से कर्मचारी तैनात किए गए है। उन्होंने बताया कि गांव की खाली पड़ी जमीन पर और विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर पौधारोपण किया गया है। सरकारी कार्यालय परिसरों में छायादार पौधों के साथ-साथ फलदार पौधे भी लगाए गए है और ग्राम पंचायत द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी पौधे जीवित रहे। गांव में पौधारोपण का कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव के विकास में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना से पूरा लाभ उठाया जा रहा है। इस योजना से अब तक गांव में 3 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च हो चुकी है। गांव में स्वच्छता और विकास कार्यों के साथ-साथ शिक्षा और उन्नत कृषि को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य हुआ है। उन्होंने बताया कि लगभग 6 हजार की आबादी वाले कालुआना गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय(सहशिक्षा) और राजकीय माध्यमिक विद्यालय लड़कियों के लिए है। ग्राम पंचायत के प्रयास से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में साईंस, नॉन मैडीकल की कक्षाएं शुरु की गई है। हालांकि नॉन मैडीकल की कक्षाएं शुरु करने के लिए शिक्षा विभाग के अनुसार कक्षा में नॉन मैडीकल के 40 बच्चों का दाखिला अनिवार्य है। इस नॉर्म को पूरा करने के लिए उन्होंने साथ लगते गांव गोदिका, दारेवाला व अन्य पड़ोसी गांव के लोगों से संपर्क कर प्रयास किया। उनका यह प्रयास सफल हुआ और आज नॉन मैडीकल की कक्षा में 40 से भी अधिक बच्चे है। बच्चों को विभिन्न पड़ोसी गांव से लाने के लिए गांव में गठित शिक्षा समिति द्वारा बस खरीदी गई है। सरपंच श्री जगदेव सिंह के अनुसार गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी पंचायत स्तर पर खेल पुरस्कार दिए जा रहे है जो खिलाड़ी जिला खंड स्तर पर खेलेगा उसे 1100 रुपए, जो जिला स्तर पर खेलेगा उसे 11 हजार रुपए और जो राज्य स्तर पर खेलेगा उसे 21 हजार रुपए की राशि ईनाम की रुप में दी जा रही है। अभी तक 7 खिलाडिय़ों को ईनाम की राशि दी जा चुकी है। इससे गांव के युवाओं में खेलों के प्रति अधिक रुझान पैदा हुआ है। गांव में कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य हुए है। गांव में कई प्रगतिशील किसानों ने केंचुआ पद्धति को अपनाकर आर्गेनिक खेती शुरु की है। इसी प्रकार से बागवानी के क्षेत्र में कई किसानों ने 10-10 और 7-7 एकड़ में किन्नू के बाग लगाए है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत भी बागवानी के क्षेत्र में विशेष सुविधाएं प्राप्त हुई है। सरपंच श्री जगदेव के अनुसार गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र, ओपरेटिव बैंक, पशु अस्पताल, पटवार खाना, मैरिज पैलेस, टेलीफोन एक्सचेंज, हरिजन चौपाल, जिम, छह आंगनवाड़ी केंद्र, स्टेडियम वृद्धाश्रम के साथ-साथ गौशाला जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध है। उनकी प्रशासन व सरकार से यह मांग है कि गांव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दिया जाए ताकि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को और अधिक सुविधाएं मिल सके, जिससे गांव विकास के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ सके।

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