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चौ अजय सिंह चौटाला के जन्मदिवस पर विशेष

हरियाणावासियों की इच्छाओं पर खरा उतर रहे है अजय चौटाला
13 मार्च 2010
प्रस्तुति: मनमोहित ग्रोवर, वंश जैन
सिरसा। भारत की जंगे आजादी में अपनी जवानी दांव पर लगाने वाले व किसानों के मसीहा भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौ. देवीलाल जैसी महान विभूति की उंगली पकड़कर राजनीति की क ख ग सीखने वाले किशोर अजय सिंह चौटाला आज प्रदेश ही नहीं अपितु देश की राजनीति में एक शक्ति पुंज के रूप में उभरे है। जिनकी राजनीति चमक के आगे दूसरे राजनीतिज्ञ धूधलें दिखाई पड़ते है। विनम्र स्वभाव के मालिक, मिलनसार और विलक्षण प्रतिभा के धनी अजय सिंह चौटाला को यह सारी विशेषताएं उन्हें अपने परिवार से मिली है। बचपन से जवानी तक अपने दादा राजनीति के भीष्म पितामह जननायक देवीलाल से राजनीति के गुर सिखने वाले अजय चौटाला आज राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ चुके है। इस युवा नेता की राजनीतिक शख्सियत की प्रतिभा का लोहा समुचे राजनीतिक दल के लोग भी मान रहे है। हरवर्ग की पीड़ा को आत्मसात करने वाले इस युवा नेता में अपने दादा व पिता जी के तरह समाज के हर दबे कुचले वर्ग की आवाज को उठाने का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। वह भ्रात्व प्रेम से भी सरोबार हैं इसका उदाहरण ऐलनाबाद उपचुनाव में देखने को मिला जब इन्होनें अपनी राजनीतिक व पारिवारिक जिम्मेवारी समझतें हुए अपनें अनूज अभय सिंह चौटाला के पक्ष में हल्कां एलनाबाद के गांव-गंाव व घर-घर जाकर उनके लिए वोट मांगे। जब कांग्रेस सरकार ने डबवाली के अंग्रिपीडि़तों की कोई सुद नहीं ली तो मानवता के पुजारी अजय चौटाला ने पीडि़तों को उनका हक दिलवाने के लिए धरना देकर सरकार का ध्यान उन पीडि़तों की ओर दिलवाया तथा सरकार को इन पीडि़तों को तुरंत सहायता दिलवाने के लिए पत्र भी लिखा।
13 मार्च 1961 को चौ. ओ३म् प्रकाश चौटाला के घर जन्मे अजय सिंह चौटाला का विवाह 24 फरवरी 1987 को सुश्री नैयना देवी के साथ हुआ जिनसे उन्हें दो पुत्र रत्नों की प्राप्ति दिग्विजय सिंह व दुष्यंत चौटाला के रूप में हुई। वकालत पास अजय सिंह चौटाला ने अभी हाल में डाक्टर की उपाधि प्राप्त की है। अल्प आयु में ही राजनीति में नए आयाम स्थापित कर चुके अजय सिंह वर्तमान में डबवाली के विधायक व इंडियन नैशनल लोकदल के प्रदेश महासचिव है। श्री चौटाला 1990 से 98 तक दो बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे जबकि 2004 में वह राज्यसभा हेतु सदस्य निर्वाचित हुए। श्री चौटाला ने भिवानी से लोकसभा सदस्य रहते हुए जनता की सेवा की। श्री चौटाला समय-समय पर पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्रालयों की विभिन्न कमेटियों के सदस्य भी रहे है। राजनीति करने के साथ-साथ वह एक अच्छे लेखक भी है जिनकी अब तक दो पुस्तकें जिनमें एक चौ. देवीलाल के जीवन से संबंधित व दूसरी प्रतिस्पर्धा युग में हरियाणा नामक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वहीं पर चौ. अजय सिंह चौटाला खेलों में भी गहन रूची रखते है उनकां मानना है कि खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व हैं। वे वर्तमान में हरियाणा टेबिल टैनिस एसोसिएशन के 1987 से अध्यक्ष है। वे भारतीय टेबिल टैनिस संघ के अध्यक्ष व कामनवैल्थ टेबल टैनिस संघ के अध्यक्षपद पर भी आसीन है। वास्तव में अजय सिंह चौटाला का मिलनसार स्वभाव वाणी में मिठास व उनका आर्कषक व्यक्तित्व सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करता है। अन्याय के प्रति आवाज उठाना, दलितों के उत्थान के लिए समय-समय पर कार्य करना, शोषण के विरूध आंदोलन छेडऩा शायद इन स्थितियों के पीछे उनमें अपने दादाश्री जननायक चौधरी देवीलाल सरिखी आमजन के प्रति सेवा की सोच तथा पिता चौधरी औमप्रकाश चौटाला द्वारा मजदूर, गरीब, कमेरे वर्ग के उत्थान के प्रति संकल्प का गुण विद्यामान है। अपने दादाश्री जननायक चौ. देवीलाल द्वारा राजनीति में संर्घष करने की प्ररेणा से प्रभावित होकर उन्होंने हरियाणा प्रदेश के अंतिम छौर नारनौल से चंड़ीगढ़ तक पदयात्रा की जिसे जनाक्रोश पदयात्रा का नाम दिया गया। थका देने वाली इस लंबी यात्रा के दौरान चौ. अजय सिंह चौटाला के चेहरे पर एक अजीब-सा नूर दिखाई दे रहा था। जो उनकी राजनीतिक परीपक्वता को दर्शा रहा था। इस पदयात्रा के दौरान अजय ङ्क्षसह चौटाला ने जहां लाखों लोगों से उनका आर्शीवाद प्राप्त किया वहीं पर उन्हें प्रदेश के लोगों की समस्याओं को नजदीक से देखने व जानने का मौका मिला व उनके दुख दर्द मे शामिल हुए। वास्तव में यह पदयात्रा उनके राजनीतिक जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना बन गई। जिसे इतिहास में स्र्वण अक्षरों में लिखा जा चुका है। श्री चौटाला ने लोकसभा व राज्यसभा का सदस्य होते हुए हरियाणा की हितों की आवाज दोनों सदनों में जोरदार ढंग़ से उठाई व विशेष रूप से सिरसा में रेल सुविधाओं को बढ़ाने हेतू मांगे रखी। चौ. अजय सिंह चौटाला की सोच है कि आज जब देश विकास के रास्ते पर तीव्र गति से चल रहा है और समय तेजी से बदल रहा है तो आखिर समाज में दहेज जैसी समस्याएं मुहं बाए क्यो खड़ी है? श्री चौटाला ने समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, कन्याभू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराईयों को युवाओं व समाज के लोगों के सहयोग से जड़ से उखाडऩे का सकंल्प लिया है वहीं पर समय-समय पर युवाओं के सहयोग से पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने हेतु पौधारोपण जैसे कार्यक्रम चलाते है वहीं पर वे उन जरूरत मंद लोगों के लिए समय-समय पर रक्तदान कैंप लगाकर दुर्घटना के शिकार पीडि़तों के लिए रक्त का प्रबंध भी करवाते है। आज भी वह अपना जन्मदिन रक्तदान कैंप लगाकर, पौधारोपण करके समाज के विशेष बच्चों के साथ मिलकर मना रहे है ताकि वह बच्चें अपने आपको समाज से अलग ना समझें। आओं हम सब मिलकर इस युवा राजनीतिज्ञ की दीर्घायु के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।

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