सिटीकिंग परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। सिटीकिंग परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 098126-19292 पर संपर्क करे सकते है।

BREAKING NEWS:

संत रामायणी ने किया श्री राम वनवास का वर्णन

22 मार्च 2010
हिसार: श्रीरामलीला कमेटी के तत्वावधान में झूथरा धर्मशाला में चल रही नवदिवसीय कथा के छठे दिन श्रीराम कथा के उपलक्ष्य में श्री धाम वृंदावन से पधारे संत श्री प्रीतमदास रामायणी ने श्रीराम वनवास का वर्णन करते हुए कहा कि जब केकैयी ने दशरथ से अपने दो वरों में श्रीराम को वनवास और शत्रुघ्र को राज्याभिषेक की बात कही तो यह सुनकर दशरथ अत्यंत दुखी हो गए, परंतु भगवान श्रीराम ने दशरथ को धर्मसंकट में पडऩे नहीं दिया और उनके वचनों की लाज रखते हुए पुत्र धर्म निभाया तथा चुपचाप वन में चले गए। संत प्रीतमदास रामायणी ने श्रीराम वनवास का वर्णन बड़े ही मधुर शब्दों में करते हुए उपस्थिति श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता की आज्ञा का पालन करना ही संतान का सबसे बड़ा धर्म होता है और भगवान श्रीराम ने अपने पिता के वचनों को निभाने के लिए सही मायने में पुत्र धर्म निभाया। हमें भी उनके आदर्शों पर चलते हुए अपने जीवन में उनका अनुसरण करना चाहिए। इस अवसर पर श्रीरामलीला कमेटी कटला हिसार के प्रधान विनोद गुप्ता, महामंत्री सजन गुप्ता, कोषाध्यक्ष सनत बिंदल, दुर्गादत्त जी, राजेश, अनिल गुप्ता, राजेश शर्मा, जनक गुप्ता, डॉ. राजवंशी, ललिता राजवंशी, बजरंग सिगल, किशोरी लाल, शंकर जैन, कृष्ण, शशी गोयल, रामनिवास, सुरेश बिंदल, तेजपाल, अनिता कोहली, राजबाला गुप्ता, रेणु गुप्ता, कान्ता गोयल, सन्नो देवी, श्रीमती बाला आदि उपस्थित थे।

Post a Comment