विधि-विधान से दाह संस्कार नहीं
20 मार्च 2010
चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) रेलवे प्रशासन के अनुसार प्रति वर्ष सैंकड़ों लोगों को लावारिस मानकर उनका दाह संस्कार किया जाता है-यानि विधी विधान से दाह संस्कार भी नसीब नहीं होता है। हरियाणा राज्य में पिछले चार वर्षों से 1582 के करीब ऐसे शव रहे, जिनकों अपनों का कंधा और विधी-विधान मुताबिक संस्कार भी प्राप्त नहीं हुआ। राज्य के ज्यादातर शमशानघाट तथा ज्यादातर शहरों में सामाजिक संस्थाएं जरूर मृतक का अंतिम दाह-संस्कार अपने खर्च पर करवाती है।
चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) रेलवे प्रशासन के अनुसार प्रति वर्ष सैंकड़ों लोगों को लावारिस मानकर उनका दाह संस्कार किया जाता है-यानि विधी विधान से दाह संस्कार भी नसीब नहीं होता है। हरियाणा राज्य में पिछले चार वर्षों से 1582 के करीब ऐसे शव रहे, जिनकों अपनों का कंधा और विधी-विधान मुताबिक संस्कार भी प्राप्त नहीं हुआ। राज्य के ज्यादातर शमशानघाट तथा ज्यादातर शहरों में सामाजिक संस्थाएं जरूर मृतक का अंतिम दाह-संस्कार अपने खर्च पर करवाती है।