74 बार रक्तदान करने पर वेद झण्डई सम्मानित
01 अप्रैल 2010
हिसार: थैलीसीमिया वैलफेयर सोसायटी के सचिव व हिसार निवासी वेद झण्डई को 74वीं बार रक्तदान करने पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की धर्मपत्नी एवं हरियाणा राज्य बाल विकास काऊंसलिंग की उपप्रधान आशा हुड्डा ने सम्मानित किया है। इस सम्मान के साथ ही वेद झण्डई को हिसार का सबसे अधिक रक्तदान करने वाले व्यक्ति का गौरव भी हासिल हो गया है। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर दिया गया है। इसके अलावा उन्हें रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने तथा समय-समय पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने का विशेष सम्मान भी दिया गया है। हिसार के वे पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें दोहरा सम्मान मिला है। गौरतलब है कि वेद झण्डई ने पहली बार 1984 में रक्तदान किया था। उनमें रक्तदान का जुनून तब सवार हुआ था, जब उनकी पुत्री कुसुम व पुत्र सन्नी की थैलीसीमिया रोग से मृत्यु हो गई थी। वेद ने अपने-अपने बच्चों की मृत्यु होने के बाद ठान लिया था कि अब भविष्य में किसी बच्चे की मौत इस रोग से नहीं होने देंगे। इसके उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अब तक 74बार रक्तदान कर चुके हैं।
हिसार: थैलीसीमिया वैलफेयर सोसायटी के सचिव व हिसार निवासी वेद झण्डई को 74वीं बार रक्तदान करने पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की धर्मपत्नी एवं हरियाणा राज्य बाल विकास काऊंसलिंग की उपप्रधान आशा हुड्डा ने सम्मानित किया है। इस सम्मान के साथ ही वेद झण्डई को हिसार का सबसे अधिक रक्तदान करने वाले व्यक्ति का गौरव भी हासिल हो गया है। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर दिया गया है। इसके अलावा उन्हें रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने तथा समय-समय पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने का विशेष सम्मान भी दिया गया है। हिसार के वे पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें दोहरा सम्मान मिला है। गौरतलब है कि वेद झण्डई ने पहली बार 1984 में रक्तदान किया था। उनमें रक्तदान का जुनून तब सवार हुआ था, जब उनकी पुत्री कुसुम व पुत्र सन्नी की थैलीसीमिया रोग से मृत्यु हो गई थी। वेद ने अपने-अपने बच्चों की मृत्यु होने के बाद ठान लिया था कि अब भविष्य में किसी बच्चे की मौत इस रोग से नहीं होने देंगे। इसके उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अब तक 74बार रक्तदान कर चुके हैं।