भीख मांगने के लिए किराये का बच्चा
नई दिल्ली(प्रैसवार्ता) राजधानी के किसी व्यव्त चौराहे पर यदि आपको मैले कुचैले कपड़ो में दूधमुहा बच्चा लेकर भीख मांगती हुई कोई महिला दिखाई दे तो उस पर तरस खाने से पहले सोच ले,हो सकता हैं कि उसकी गोद में जो दूधमुहा बच्चा है और जिस पर तरस खाकर आप उसे भीख दे रहे हैं वह उसका नहीं किराये का बच्चा हो जी हां राजधानी में भीख मांगने का काम जोरो पर चल रहन हैं किराये पर बच्चा देने के धंधे में मुख्य रूप से झुग्गियों में रहने वाले बांग्लादेश शामिल हैं यह रहस्योदघाटन पिछले दिनों साउथ सैक्सटैशन इलाको में एक लालबती पर भीख मांगने वाली दारे औरते के बीच हुए झगडे के दौरान हुआ दोपहर करीब ढाई बजे मूलचंद से साउथ ऐक्सटैशन की ओर जाने वाली एक रेड लाइट पर बती होने का इंतज़ार कर रहे वाहनों के कतार के बीच मैले कुचले कपड़ो में कुछ औरते गोद में दूधमुहं बच्चो को लिए उनकी दुहाई देकर भीख मांग रहीं थी तभी एक और तेज़ी से भागती हुई वही और भीख मांग रहीं एक आर के गोद से बच्चो को छीनने का प्रयास करने लगी दोनों औरतो के बीच झगडा हो गया पूछने पर बताया कि भीख मागने वाली औरत की गोद में जो बच्चा हैं वह उसका हैं जिसे उसने किराये पर दे रखा था बच्चो को किराये पर देने की बात सुनकर यह संवाददाता चौंक गया पूछने पर जो बात सामने आई हैं वह वाकई ही चौकाने वाली हैं उस औरत ने बताया कि वह अपने ग्यारह महीने के बेटे गुल्लू को दिन भर ऐसी औरतो को किराये पर देती हैं जो इसे शहर के विभिन्न इलाको में दयनीय सूरत बनाकर बच्चा गोद में लेकर भीख मांगने का धंधा करती हैं दिनभर का किराया सौ से डेढ़ सौ रुपए मिल जाता हैं इस औरत ने बताया कि किराये की रकम शिशु की उम्र के आधार पर निर्भर करती हैं कुरेदने पर उसने बताया कि किराये पर बच्चा देने का धंधा तो एक लंबे अरसे से चल रहा हैं ख़ास तौर से संजय अमर कालोनी, मोतिया खान, सीमापुरी, त्रिलोकपुरी की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले कई ऐसे बंगलादेशी परिवार हैं जो अपने बच्चो को किराये पर देने का धंधा करते हैं पुलिस ने सरकारी आदेश पर अवैध तौर पर राजधानी में रहने वाले बंगलादेशी की पहचान कर उन्हें देश भिजवाने की मुहिम शुरू की हैं अवैध तौर पर रहने वाले बांग्लादेशियों की पहचान कार्य में लगे हैं