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जहां चुनावी दंगल में होंगे- दो प्रमुख परिवार

मुख्यमंत्री की पुत्रवधू और पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा

बठिंडा(प्रेसवार्ता): बठिंडा लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सरदार बादल की पुत्रवधू हरसिमरत बादल के नाम की बतौर आकाली भाजपा प्रत्याशी घोषणा होने से दिलचस्प और कांटे दार टक्कर होने के आसार बन गए हैं कांग्रेस पहले होई पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के बेटे रणइन्द्र सिंह को प्रत्याशी घोषित कर चुकी हैं रिजर्व बैंक से ओपन हुई बठिंडा संसदीय पर राज्य के प्रमुख परिवार और उच्च शिक्षित प्रत्याशी होने के कारण बठिंडा पर सब की नज़रे टिक गई हैं इधर बठिंडा से संसदीय सीट दोनों परिवारों के लिए प्रतिष्ठा का पक्ष बन गई हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट तथा टैक्सटाइल इंजीनियर हरसिमरत बादल पंजाब के उप मुख्यमंत्री स.सुखबीर सिंह बादल की धर्मपत्नी होने के साथ साथ समाज सेवी तथा धार्मिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेने के कारण विशेष पहचान रखती हैं कांग्रेस प्रत्याक्षी रणइन्द्र सिंह भी पिछले काफ़ी समय से बठिंडा की राजनीतिक गतिविधिया तेज़ किया हुआ हैं बठिंडा संसदीय क्षेत्र से आकाली भाजपा प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल तथा कांग्रेस प्रत्याशी युवा, शिक्षित व नामी परिवारों से हैं-वही दोनों का रिश्ता भाई-बहिन का हैं कांग्रेस प्रत्याशी रणइन्द्र सिंह ने हरसिमरत बादल को प्रत्याशी घोषित होने पर उन्हें शुभकामनाये देते हुए अपनी बहिन बताया हैं जिक्र योग हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी रणइन्द्र सिंह के दादा महाराजा यादविंदर सिंह और हरसिमरत बादल के दादा स.सुरजीत सिंह मजीठिया पगड़ी बदल भाई थे दोनों तरफ़ से प्रभावी राजनीतिको का बठिंडा के चुनावी दगल में आने से डेरा सच्चा सौदा के राजनीतिक प्रकोष्ठ की पूछ ताछ से वृद्धि हो गई हैं, क्योंकि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओ की महत्वपूर्ण भूमिका रह सकती हैं डेरा सच्चा सौदा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के निर्णय का अभी इंतज़ार किया जा रहा हैं पिछले चुनाव में डेरा का रुख कांग्रेस में रहा था, परन्तु इस बार की स्थिती में बदलाव होता दिखाई देता हैं,जिसकी पुष्टि शिरोमणि आकाली दल के डेरे के प्रति लचीलापन करता हैं

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