देखभाल को तरस रही हैं जैसलमेर की सुंदर इमारते
सात समंदर पार खास कर पशिचमी देशो के प्रयटकों को राज्यस्थान में जैसलमेर का रेगिस्तानी सौन्दर्य हमेशा से लुभाता हैं, लेकिन यहाँ के स्मारकों की दुर्दशा देखकर ये प्रयटक भारी मन से अपने मुल्क लोटते हैं और अगर आलम यही रहा तो कोई आश्चर्य नही कि कुछ वर्षो में उनके यहाँ आने की वजह ही नही रहे देश के ऐतिहासिक शहरो में एक जैसलमेर की लगभग सभी पुरातात्त्विक महत्त्व की वस्तुए एवं ऐतिहासिक स्मारक देखरेख के अभाव में नष्ट होने के कारण कगार पर हैं जैसलमेर के पुरातात्त्विक संग्रहालय की सारी पुस्तके संस्कृति धरोहरें दिनों-दिनों खस्ता हालत में पहुँचती जा रही हैं यहाँ आने वाले हर प्रर्यटक को ऐसा ही लगता हैं लेकिन पुरातत्व विभाग तथा राज्य सरकार अब भी इसकी अनदेखी किए जा रहीं हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त जैसलमेर के खुबसूरत नक्काशीदार छतरिया, महल, हवेलियाँ आदि दिनों-दिन जीर्णशीर्ण हो रहे हैं जिससे पिछले एक दशक से ईतुगति से पनपे यहाँ के प्रयटन व्यवसाय का भविष्य अनिश्चित हैं यहाँ के अनूठे स्थापत्य, वास्तुशिल्प और मनोहारी मूर्तिकला को निहारे बिना देशी विदेशी सैलानियों की यात्रा अधूरी रहती हैं