नगर परिषद् को लाखों रुपए का विकास शुल्क भ्रष्ट तंत्र की भेंट
सिरसा(सिटीकिंग) नगर परिषद् सिरसा अपनी निर्धारित सीमा में बसी अनाधिकृत कालौनियों के विकास पर लाखो रुपए खर्च करके नालियों, स्ट्रीट लाइट, गलियाँ, सड़के, सीवरेज, पेयजल, सफाई जैसी मूलभूत सुविधांए उपलब्ध करवा चुकी हैं, मगर विकास शुल्क भ्रष्ट तंत्र की भेट चढ़ गया हैं स्थानिये स्वशासन विभाग के सूत्रों मुताबिक नगर परिषद् सिरसा, यदि सिरसा में बसी अनाधिकृत कालोनिया में बसे लोगों से मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाने से पूर्व विकास शुल्क नियमानुसार वसूल लेती, तो परिषद् की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत होती कि उसे अपने कर्मचारियों को वेतन देने तथा अन्य क्षेत्रो के विकास के लिए सरकारी अनुदान पर निर्भर न रहना पड़ता हरियाणा पालिका कानून के अन्तरगत नगर परिषद् को सीमा के अंदर विकास के लिए विभीन दरो के आधार पर विकास दर राशी प्राप्त करने का अधिकार हैं और विकास दर की यह राशी नया मकान बनते समय उसके नक्शे पास कराने के समय परिषद् में जमा करवानी होती हैं, परन्तु सिरसा में नक्शा पास करवाने वालों को गुमराह करके कुछ ले देकर मकान इत्यादि बनाने की सुविधा नगर परिषद् का भ्रष्ट तंत्र धड़ल्ले से दे रहा हैं शहर के अनेक विकसित हुई तथा हो रही अनाधिकृत कालोनियों तथा वैध कालोनियों में बिना नक्शा पास करवाए हुए मकान बने हुए हैं तथा बन रहे हैं, ऐसे मकानों की संख्या हजारों में हैं मिली जानकारी अनुसार नगर परिषद् कार्यालय से वाही लोग नक्शा पास करवाकर विकास शुल्क देते हैं, जिन्होंने मकान बनाने के लिए किसी सरकारी विभाग से क़र्ज़ लेना होता हैं ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम हैं परिषद् के ही एक कर्मचारी के नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कार्यकारी अधिकारी रजिस्ट्री में तथा सुरेश नामक एक कर्मचारी की नामी बेनामी सम्पति की जांच और की गई अनियमितताओ की बारीकी से जांच हो, तो करोडो रुपए परिषद् को चुना लगाने के तथ्य उजागर हो सकते हैं