आर्थिक तंगी से जुझ रहे है प्रदेश के लोग
चंडीगढ(प्रैसवार्ता) हरियाणा प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव इस बार मुद्दो के आधार पर लडे जा रहे है और सभी राजनीतिक दल गठबंधन से दूरी बनाये हुए है। कांग्रेस विकास के नाम पर वोट मांग रही है, वहीं प्रमुख विपक्षी दल इनैलों बिजली-पेयजल, शिक्षा, बरोजगारी, भ्रष्टाचार व मूल सुविधाओं के अभाव को मुद्दा बनाये हुए चुनावी दंगल में है। आथिक विकास के मामले में प्रदेश को नम्बर एक बताकर कांग्रेस पुन: सत्ता प्राप्ति के लिए प्रयास रत् है, तो दूसरी तरफ इनैलो के तीखे प्रहार जनता की अदालत में कांग्रेस की दिक्कते बढ़ाते हुए राज्य में बदलाव की अपील कि ए हुए है। प्रदेश में सत्ता बदलाव के लिए इनैलो ने राज्य के लोगों की समस्याओं को घोषणा पत्र में हल करने का दावा किया है और समस्याओं को ही मुद्दा बनाया है। विरोधी पक्ष के मुद्दों में बिजली, पानी, शिक्षा, बेरोजगारी, मंहगाई और कानून व्यवस्था प्रमुख है। इनैलो के मुताबिक पिछले कांग्रेसी शासन में उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्र बिजली संकट के शिकार हुए है और कई आद्यौगिक इकाईयां पलायन पर मजबूर हुई है। इसी तरह जमीनी पानी का स्तर कम हुआ है, जिससे कृषि प्रभावित हुई है और किसानों को आर्थिक तंगी से जुझना पडा है। युमना नहर लिंक मामले में इनैलो ने अपने कार्यालय में प्रगति होने की बात कहीं है- जिसे कांग्रेस खारिज कर रही है। इनैलो के गरीब परिवारों के बच्चों का मूल अधिकारों से वंचित रहना, बरोजगारी समाप्त करने के लिए प्रयास न करना, अन्य राज्यों के शिक्षित युवा वर्ग को नौकरियां देकर राज्य को बरोजगारों के जख्मों पर नमक छिडकना प्रचार रंग लाता नजर आने लगा है। कांग्रेस अपने साढ़े चार साल के कार्यालय में हुए विकास कार्य और सोनिया गांधी के नाम पर मतदाताओं के बीच जा कर घोषणाओं और वायदों की झड़ी लगाकर पुन: सत्ता पर काबिज होले की दुहाई कर रही है। चुनावी परिणाम तो मतदाता ही तय करेंगे, परन्तु इस समय हरियाणा में कांग्रेस विकास और विपक्षी दल अव्यवस्था और विनाश के नाम पर चुनावी दंगल में उतरे हुए है।