चौटाला ने ऐलनाबाद से दिया त्यागपत्र
चंडीगढ(विज्ञप्ति)इनेलो प्रमुख व हरियाणा के पूर्व मुख्यमन्त्री ओमप्रकाश चौटाला ने आज ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना त्यागपत्र दे दिया। इनेलो प्रमुख इस बार विधानसभा चुनाव में ऐलनाबाद के साथ-साथ उचानाकलां विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक चुने गए थे। अब वे प्रदेश विधानसभा में उचानाकलां विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। उचानाकलां में इनेलो प्रमुख ने प्रदेश के वित्त मन्त्री व दिग्गज कांग्रेसी नेता बीरेंद्र सिंह को हराया था। आज सुबह श्री चौटाला ने विधानसभा में स्पीकर हरमोहिंदर सिंह से भेंट कर उन्हें ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। इनेलो प्रमुख ने त्यागपत्र देने से पहले लगातार चार दिन तक ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर न सिर्फ लोगों का रिकॉर्ड तोड़ जीत के लिए आभार जताया था बल्कि उनसे व्यापक विचार विमर्श भी किया था। ऐलनाबाद के लोगों ने इनेलो प्रमुख को भरोसा दिलाया था कि वे आगामी उपचुनाव में पार्टी की ओर चुनाव लडऩे वाले इनेलो प्रत्याशी को पहले से भी ज्यादा मतों से विजयी बनाएंगे। ऐलनाबाद के लोगों को भरोसे में लेकर उनकी इच्छा अनुसार ही श्री चौटाला ने आज सुबह त्यागपत्र दे दिया। इस बार ऐलनाबाद से इनेलो प्रमुख ने निवर्तमान विधायक भरत सिंह बेनिवाल को 16 हजार से ज्यादा मतों के अन्तर से पराजित किया था। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने लगभग 39 साल पहले अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ऐलनाबाद से ही की थी और वे 1970 में पहली बार भी ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 1972 के बाद ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया था और इस बार ही ऐलनाबाद सीट फिर से सामान्य बनी है। ऐलनाबाद शुरू से ही इनेलो का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है और पिछले आठ चुनावों में से सात बार इस सीट से इनेलो प्रत्याशी विजयी हुए हैं। इनेलो प्रमुख अब तक प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वे राज्यसभा के भी सांसद रहे और लगभग साढे छह साल तक प्रदेश के मुख्यमन्त्री और सवा तीन साल विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर भी रहे। 1970 में पहली बार ऐलनाबाद से चुनाव जीतने के बाद श्री चौटाला 1990 में दड़बाकलां विधानसभा क्षेत्र से, 1992 के उपचुनाव में नरवाना से, 1996 में रोड़ी विधानसभा क्षेत्र से, 2000 में रोड़ी के साथ-साथ नरवाना विधानसभा क्षेत्र से, 2005 में रोड़ी विधानसभा क्षेत्र से और इस बार ऐलनाबाद व उचानाकलां विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इस बार इनेलो को 32 सीटें मिली हैं और इनेलो को मिली जबर्दस्त सफलता से जहां कांग्रेस साधारण बहुमत हासिल करने से भी वंचित रह गई वहीं इनेलो ने प्रदेश की राजनीति में अपनी जोरदार वापसी करते हुए यह दर्शा दिया कि इस बार प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के मुकाबले इनेलो को ज्यादा प्राथमिकता दी है। चुनाव के बाद श्री चौटाला इनेलो विधायक दल के नेता चुने गए हैं और दो सीटों से चुनाव जीतने के बाद उन्हें तय समय सीमा में एक सीट छोडऩी पड़ी है। इनेलो प्रमुख के अलावा उनके बेटे अजय चौटाला भी डबवाली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 12 हजार से ज्यादा मतों के अन्तर से हराकर विधायक चुने गए हैं। पूर्व मुख्यमन्त्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला विधानसभा में अब जीन्द जिले की उचानाकलां सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे। उल्लेखनीय है कि इस बार जीन्द जिले की पांचों सीटों पर इनेलो प्रत्याशी विजयी हुए हैं।