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मान्यता प्राप्ति के बिना ही चल रही है-शिक्षण संस्थाएं

बठिण्डा(न्यूजप्लॅस)पंजाब की कई शिक्षण संस्थाओं द्वारा किसी भी राज्य की युनीवर्सिटी तथा बोर्ड से बिना मान्यता प्राप्त किए उनके नाम पर प्रोफैशनल कोर्स करवाने के लिए संस्थाएं खोलकर विद्यार्थियों को गुमराह करके करोड़ों रुपये की घपले बाजी कर रहे हैं। विद्यार्थी वर्ग के इस तरह आर्थिक शोषण से प्रशासन तथा पुलिसिया तंत्र बेखबर है। ''न्यूजप्लॅस'' को मिली जानकारी अनुसार जम्मू कश्मीर ऐजुकेशन बोर्ड ने ई. टी.टी. के दाखिले के लिए अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है और न ही किसी शिक्षण संस्था को इसके लिए मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर पर इश्तिहार बाजी करके हजारों रुपये लेकर दाखिले करवाये जा रहे हैं और विद्यार्थी वर्ग से 70 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि जम्मू बोर्ड द्वारा निर्धारित फीस केवल 30 हजार रुपये है। इस बारे नैशनल काउंसलिंग फॉर टीचर ऐजुकेशन के सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में चल रही ई.टी.टी. कोर्स की मान्यता किसी को नहीं दी गई है, बल्कि ऐसी संस्थाएं गैर कानूनी हैं। ज्यादातर ऐसी शिक्षण संस्थाएं छोटे-छोटे किराये के कमरों में चल रही हैं, जिनमें अनुभव हीन तथा बिना डिग्री वाले अध्यापक कार्यरत हैं। इस तरह की संस्थाएं विद्यार्थियों का आर्थिक व शैक्षणिक शोषण कर रही हैं, जिनमें कई सरकारी टीचर भी शमिल हैं, जो कि अपनी डयूटी में रूचि न लेकर ई.टी.टी. में दाखिले दिलवाकर अपनी जेबें गर्म करने के लिए लोगों को घर-घर जाकर यह फर्जी कोर्स करवाने के लिए प्रेरित करते हैं। ज्यादातर ऐसे सरकारी टीचर अपनी डयूटी समाप्त करने उपरांत या फिर सरकारी छुट्टी वाले दिन मोटी रकम लेकर सरकारी स्कूल के कमरों में क्लासें लगाने की इजाजत देने के साथ-साथ विद्यार्थियों को लालच देते हैं, कि नकल मरवाकर उन्हें पास करवा दिया जायेगा। विद्यार्थियों को मात्र दो सप्ताह तक की ट्रेनिंग/कोर्स के लिए जम्मू जाना होगा। तमिलनाडू की मदुरै कामराज युनिवर्सिटी ने पंजाब के तीन बड़े शहरों में डिस्टैंस एजुकेशन लर्निंग सैंटर चलाने की मान्यता दी है, पंरतु राज्य में सैंकड़ों संस्थाएं कार्यरत हैं, जो बिना मानयता के ही चल रही हैं। राज्य सरकार की अनदेखी के चलते, जहां विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद हो रहा है, वहीं शिक्षा माफिया अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।

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