बढ़ रही है-नशेड़ी महिलाओं की तादाद
दिल्ली(प्रैसवार्ता)नशीले पदार्थों के सेवन मामले में विभिन्न राज्यों की महिलाएं भी पुरूषों से बराबर की भागीदारी करने लगी हैं, जिससे एक गंभीर समस्या उत्पन्न होने का भय सताने लगा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते हुए उपाय नहीं किये गये, तो निकट भविष्य में स्थिति गंभीर हो जायेगी। महिलाओं में इस बुरी लत के बढऩे से चिंतित चिकित्सकों ने इसमें खात्मे के लिए सभी वर्गों व सामाजिक संस्थाओं से आगे आने की अपील की है। ऐम्स दिल्ली में मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डा. राजत ने ''प्रैसवार्ता'' को बताया कि देश में पिछले दिनों किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं में भी नशे की लत बढऩे लगी है। उन्होंने बताया कि नशे का सेवन करने वाली 45 प्रतिशत महिलाएं शराब, 12 प्रतिशत महिलाएं गांजा, 11 प्रतिशत हीरोइन, 7 प्रतिशत अफीम और करीब 14 प्रतिशत इन्जेक्शन के माध्यम से नशे का सेवन कर रही है। यह सर्वेक्षण डा. रजत के नेतृत्व में भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दिल्ली, इन्दौर, मुंबई और आईजोल में करवाया है। डा. रजत के अनुसार अक्सर महिलाएं घरेलू तनाव के कारण इस बुरी लत का शिकार बन जाने पर मजबूर होती है-जबकि कुछ महिलाएं जिनके पति नशे के शिकार होते हैं, भी नशे की शिकार बन जाती हैं। इंजेक्शन आदी से नशा करने वाली महिलाओं में सैक्स के प्रति उतेजना बढ़ जाती है-जिससे ऐसी महिलाओं में एच.आई.वी.(ऐडस) संक्रामक रोग और जिगर के रोग होने का निरंतर भय बना रहता है।