पृथ्वी सिंह जे.ई. की अध्यक्षता शोक सभा आयोजित
21 जनवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) गत दिवस लॉयन्स क्लब सिरसा प्राईड के कार्यालय में क्लब के प्रोजेक्ट चेयरमैन पृथ्वी सिंह जे.ई. की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में सिंचाई विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ता कृष्ण लाल जोसन की धर्मपत्नी कृष्णा रानी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। शोक सभा में उपस्थित क्लब के पूर्व प्रधान एवं सचिव लॉयन विजय कम्बोज, कोषाध्यक्ष राजीव बांसल, सहसचिव संदीप गोदारा, नवल मुंदड़ा, मुकुल तनेजा व अन्य सदस्यों ने दो मिनट का मौन धारण करके दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की व परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिवार को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। क्लब के प्रधान रमेश मेहता ने कहा कि श्रीमती कृष्णा रानी जो कि छोटी उम्र में ही स्वर्ग सिधार गईं जिनके निधन से उनके परिवार को एक अपूर्णनीय क्षति हुई है। दिवंगत कृष्णा रानी परिवार के लिए प्रेरणा की स्त्रोत थीं जिसका प्रमाण उनके परिवार के सदस्यों से मिलने पर दिखता है। परिवार का प्रत्येक सदस्य मृदुभाषी एवं परोपकारी है। यह सब कुछ उन्हीं ही की प्रेरणा का परिणाम है। पारिवारिक क्षेत्र में वे एक सुलझी हुई महिला थीं। ऐसी आत्मा जब संसार से चलायमान होती है तो जड़ और चेतन दोनों का शोक सागर में डूब जाना स्वभाविक है।
सिरसा(सिटीकिंग) गत दिवस लॉयन्स क्लब सिरसा प्राईड के कार्यालय में क्लब के प्रोजेक्ट चेयरमैन पृथ्वी सिंह जे.ई. की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में सिंचाई विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ता कृष्ण लाल जोसन की धर्मपत्नी कृष्णा रानी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। शोक सभा में उपस्थित क्लब के पूर्व प्रधान एवं सचिव लॉयन विजय कम्बोज, कोषाध्यक्ष राजीव बांसल, सहसचिव संदीप गोदारा, नवल मुंदड़ा, मुकुल तनेजा व अन्य सदस्यों ने दो मिनट का मौन धारण करके दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की व परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिवार को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। क्लब के प्रधान रमेश मेहता ने कहा कि श्रीमती कृष्णा रानी जो कि छोटी उम्र में ही स्वर्ग सिधार गईं जिनके निधन से उनके परिवार को एक अपूर्णनीय क्षति हुई है। दिवंगत कृष्णा रानी परिवार के लिए प्रेरणा की स्त्रोत थीं जिसका प्रमाण उनके परिवार के सदस्यों से मिलने पर दिखता है। परिवार का प्रत्येक सदस्य मृदुभाषी एवं परोपकारी है। यह सब कुछ उन्हीं ही की प्रेरणा का परिणाम है। पारिवारिक क्षेत्र में वे एक सुलझी हुई महिला थीं। ऐसी आत्मा जब संसार से चलायमान होती है तो जड़ और चेतन दोनों का शोक सागर में डूब जाना स्वभाविक है।