हुड्डा सरकार अग्निकाण्ड पीडि़तों को राहत देने की बजाय बेवजह परेशान कर रही है: अजय चौटाला
29 जनवरी 2010
चंडीगढ़(सिटीकिंग) इनेलो ने हुड्डा सरकार द्वारा डबवाली अग्निकाण्ड पीडि़तों को मुआवजा देने की बजाय अपनाए जा रहे टालमटोल के रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि इससे सरकार का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है। इनेलो के प्रधान महासचिव व डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि पिछले हुड्डा सरकार अग्निकाण्ड पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने व उन्हें राहत देने की बजाय बेवजह परेशान करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि डबवाली अग्निकाण्ड पीडि़तों को राहत पहुंचाने के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने जस्टिस टीपी गर्ग आयोग का गठन किया था और आयोग की सिफारिश पर उच्च न्यायालय ने अग्निकाण्ड से पीडि़त लोगों व उनके परिवारों को मुआवजा राशि दिए जाने को लेकर फैसला सुनाया था।
डबवाली के विधायक ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल 9 नवम्बर, 2009 को दिए गए फैसले अनुसार अग्निकाण्ड से पीडि़त लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे का 45 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार और बाकी 55 फीसदी हिस्सा सम्बन्धित राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप द्वारा अदा किया जाना है। इस मुआवजे की अदायगी अदालती आदेशों के चार महीने के भीतर की जानी है। उन्होंने कहा कि 14 साल पहले हुए इस हादसे से प्रभावित लोगों व उनके परिवारों को अदालती आदेश के बाद मुआवजा मिलने की उम्मीद बनी है लेकिन हुड्डा सरकार अदालत के फैसले का सम्मान करने और प्रभावित लोगों को तुरन्त मुआवजा राशि देकर उनके घावों पर मरहम लगाने की बजाय इस मामले को लटकाने के लिए एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में लगी हुई है।
इनेलो विधायक ने कहा कि 23 दिसम्बर, 1995 को डबवाली के राजीव मैरिज पैलेस में डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित किए जा रहे वार्षिक समारोह के दौरान आग लग जाने से स्कूली बच्चों व शिक्षकों सहित करीब 446 लोगों की मौत हो गई थी और 200 के करीब अन्य लोग घायल हो गए थे। इनमें से कई घायलों के चेहरे व शरीर पर अग्निकाण्ड के निशान आज भी ज्यों के त्यों बने हुए हैं और अनेक बच्चों को पिछले 14 सालों से निरन्तर विभिन्न अस्पतालों से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अदालती फैसले के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा मुआवजा राशि को जो 45 फीसदी हिस्सा दिया जाना है उनमें से 15 फीसदी बिजली बोर्ड, 15 फीसदी डबवाली नगर पालिका और 15 फीसदी उस समय के उपायुक्त एमपी बिदलान द्वारा दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आए करीब पौने तीन महीने हो गए हैं और हुड्डा सरकार ने अदालती फैसले के अनुसार अभी तक पीडि़त लोगों को मुआवजा राशि नहीं दी है बल्कि अब हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है ताकि एक बार फिर इस मामले को लटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार को इस मामले में तकनीकी दृष्टिकोण अपनाने की बजाय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए न सिर्फ तुरन्त मुआवजा का भुगतान करना चाहिए बल्कि इस अग्निकाण्ड से पीडि़त बच्चों व उनके परिवारों के पुनर्वास का बन्दोबस्त करते हुए उन्हें सरकारी विभागों में पहल के आधार पर नौकरियां भी दी जानी चाहिए ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि डबवाली के विधायक होने के नाते वे पूरी तरह से अग्निकाण्ड पीडि़तों व उनके परिवारों के साथ हैं और उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा घोषित किया गया मुआवजा दिलवाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।
डबवाली के विधायक ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल 9 नवम्बर, 2009 को दिए गए फैसले अनुसार अग्निकाण्ड से पीडि़त लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे का 45 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार और बाकी 55 फीसदी हिस्सा सम्बन्धित राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप द्वारा अदा किया जाना है। इस मुआवजे की अदायगी अदालती आदेशों के चार महीने के भीतर की जानी है। उन्होंने कहा कि 14 साल पहले हुए इस हादसे से प्रभावित लोगों व उनके परिवारों को अदालती आदेश के बाद मुआवजा मिलने की उम्मीद बनी है लेकिन हुड्डा सरकार अदालत के फैसले का सम्मान करने और प्रभावित लोगों को तुरन्त मुआवजा राशि देकर उनके घावों पर मरहम लगाने की बजाय इस मामले को लटकाने के लिए एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में लगी हुई है।
इनेलो विधायक ने कहा कि 23 दिसम्बर, 1995 को डबवाली के राजीव मैरिज पैलेस में डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित किए जा रहे वार्षिक समारोह के दौरान आग लग जाने से स्कूली बच्चों व शिक्षकों सहित करीब 446 लोगों की मौत हो गई थी और 200 के करीब अन्य लोग घायल हो गए थे। इनमें से कई घायलों के चेहरे व शरीर पर अग्निकाण्ड के निशान आज भी ज्यों के त्यों बने हुए हैं और अनेक बच्चों को पिछले 14 सालों से निरन्तर विभिन्न अस्पतालों से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अदालती फैसले के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा मुआवजा राशि को जो 45 फीसदी हिस्सा दिया जाना है उनमें से 15 फीसदी बिजली बोर्ड, 15 फीसदी डबवाली नगर पालिका और 15 फीसदी उस समय के उपायुक्त एमपी बिदलान द्वारा दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आए करीब पौने तीन महीने हो गए हैं और हुड्डा सरकार ने अदालती फैसले के अनुसार अभी तक पीडि़त लोगों को मुआवजा राशि नहीं दी है बल्कि अब हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है ताकि एक बार फिर इस मामले को लटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार को इस मामले में तकनीकी दृष्टिकोण अपनाने की बजाय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए न सिर्फ तुरन्त मुआवजा का भुगतान करना चाहिए बल्कि इस अग्निकाण्ड से पीडि़त बच्चों व उनके परिवारों के पुनर्वास का बन्दोबस्त करते हुए उन्हें सरकारी विभागों में पहल के आधार पर नौकरियां भी दी जानी चाहिए ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि डबवाली के विधायक होने के नाते वे पूरी तरह से अग्निकाण्ड पीडि़तों व उनके परिवारों के साथ हैं और उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा घोषित किया गया मुआवजा दिलवाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।