रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पुन: प्रतिबंध लागू
04 फरवरी 2010
सिरसा(लोकसंपर्क) जिला में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक किसी भी तरह के लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पुन: प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिलाधीश श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया द्वारा जारी आदेशो के अनुसार अब कोई भी व्यक्ति उपरोक्त समय के बीच में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं कर पाएगा। उपरोक्त समय अवधि के अलावा भी लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति लेने के पश्चात संबंधित व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि लाउडस्पीकर धीमी आवाज में बजे और प्रयोग करने वाली संस्था के प्रांगण में ही यह आवाज सुनाई दे। आदेशों में कहा गया है कि आमजन की समस्या को मद्देनजर रखते हुए उपरोक्त निर्णय लिया गया है। जिलाधीश ने यह आदेश पंजाब इंस्ट्रयूमैंट (कंट्रोल ऑफ नोएस) एक्ट 1956 के तहत किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति इन आदेशों के उल्लंघना करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। अवेहलना करने वाले दोषी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा छह माह की जेल व 2 हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। आदेशों में नगरपरिषद, नगरपालिकाओं, पुलिस स्टेशन प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि वे इन आदेशों की पालना को सुनिश्चित करें और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करें।
सिरसा(लोकसंपर्क) जिला में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक किसी भी तरह के लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पुन: प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिलाधीश श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया द्वारा जारी आदेशो के अनुसार अब कोई भी व्यक्ति उपरोक्त समय के बीच में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं कर पाएगा। उपरोक्त समय अवधि के अलावा भी लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति लेने के पश्चात संबंधित व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि लाउडस्पीकर धीमी आवाज में बजे और प्रयोग करने वाली संस्था के प्रांगण में ही यह आवाज सुनाई दे। आदेशों में कहा गया है कि आमजन की समस्या को मद्देनजर रखते हुए उपरोक्त निर्णय लिया गया है। जिलाधीश ने यह आदेश पंजाब इंस्ट्रयूमैंट (कंट्रोल ऑफ नोएस) एक्ट 1956 के तहत किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति इन आदेशों के उल्लंघना करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। अवेहलना करने वाले दोषी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा छह माह की जेल व 2 हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। आदेशों में नगरपरिषद, नगरपालिकाओं, पुलिस स्टेशन प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि वे इन आदेशों की पालना को सुनिश्चित करें और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करें।