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3 करोड़ 20 लाख की लागत से उपलब्ध होगा लर्निंग एंड प्लेइंग मैटीरियल:ख्यालिया

19 फरवरी 2010
सिरसा(लोकसंपर्क) जिला में छह माह से छह साल तक के बच्चों को शुरुआती दौर में ही खेल एवं शैक्षणिक गतिविधियों में रुझान पैदा करने के लिए सभी 914 आंगनवाड़ी केंद्रों में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत 3 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि खर्च करके लर्निंग एंड प्लेइंग मैटीरियल मुहैया करवाया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने देते हुए बताया कि जिला के प्रत्येक आंगनवाडी केंद्र में 35 हजार रुपए की कीमत का लर्निंग एंड प्लेइंग मैटीरियल उपलब्ध करवाया जाएगा जिनसे नौनिहाल खेल-खेल में ही खेलों व शिक्षा की तकनीक के बारे में जान सकेंगे। उन्होंने बताया कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में मार्च माह के अंत तक यह सभी प्रकार का मैटीरियल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मैटीरियल में विशेष रुप से बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा से जोडऩे के लिए एलफाबैटीकली खिलौने, राउंड टेबल, 3 रॉकर, स्लाइड, अलमिरा के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के चार्ट शामिल है। उन्होंने बताया कि इस समय जिला में 914 आंगनवाड़ी केंद्र कार्यरत है जिनमें छह माह से छह साल तक के 96 हजार 237 बच्चे पंजीकृत है। इन बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार व अन्य प्रकार की सुविधाएं पहले से ही मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिरसा जिला में 429 और आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए है जिनकी स्थापना के पश्चात इनमें भी लर्निंग एंड प्लेइंग मैटीरियल उपलब्ध करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले भर के नौनिहाल अब निजी प्ले स्कूलों की तर्ज पर ग्रामीण आंचल की आंगनवाड़ी केंद्रों में भी झूलने, खेलने-कूदने के साथ-साथ मजे से आराम फरमाने जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। जिला के अतिरिक्त उपायुक्त डा. जे.गणेशन गावं नाथूसरी कलां की आंगनवाड़ी केंद्र से लर्निंग एंड प्लेइंग मेटेरियल उपलब्ध करवाने की योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि सिरसा उत्तर भारत का ऐसा पहला जिला है जहां ग्रामीण आंचल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में इस तरह की सुविधाएं मिल पाएंगी। श्री गणेशन ने बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षा का आधारभूत ढांचा सुदृढ करने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही जिन्हें पूर्णतया लागू करने के लिए आम आदमी को शासन प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब बच्चों का सपना पूरा करने में सार्थक साबित होगी क्योंकि इसमें निजी प्ले स्कूलों से भी कहीं अधिक अत्याधुनिक सुविधाएं ग्रामीण आंचल में आंगनबाड़ी केंद्रों में मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि लर्निंग एंड प्लेइंग मेटेरियल में प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए राउंड टेबल, 10 कुर्सियां, 3 रॉकर, स्लॉइड, स्विंग, टै्रम्प, पोलिंग, यूटिलिटी रॉक, 3 स्टोरबीन, एलफाबेट चार्ट हिंदी एवं इंग्लिश, चार्ट ऑफ वाइल्ड एनिमल्स, बास्केटबॉल सेट, रेस्टिंग बैड सहित कई तरह का अन्य सामान भेजा गया है। कार्यक्रम में जिला परियोजना अधिकारी धनपति मलिक ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र शिक्षा की नींव है जहां बच्चों को इस तरह की आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाए जाने से नौनिहाल सहज ढंग से आंगनवाड़ी केंद्र में आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के इस कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का खेलों व पढ़ाई में रुझान बढ़ेगा और अब बच्चों के मां-बाप भी अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिल करवाएंगे। इससे ड्रॉपआउट भी रुकेगा और जिला के शत् प्रतिशत बच्चे स्कूलों में आ पाएंगे। विशेषरुप से यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे गरीब परिवार के बच्चों के भविष्य के लिए वरदान सिद्ध होगी।

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