शिव पौराणिक देवता ही नहीं जीवन जीने की साधना है स्वामी दिव्यानन्द
12 फरवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) शिव समष्टि देव है, जीवन जीने की कला है, वैभव प्रधान नहीं वैराग्य प्रधान हैं। वे अभाव में भी सम्पूर्ण आनंद से भरे हैं। शमशान में भी उतने ही ठाठ से रह लेते हैं जितना हम लोग आलीशाम मकान में नहीं रह पाते। आखिर क्या सम्पत्ति है कि कुछ भी तो नहीं दिखाई पड़ता उनके पास और फिर भी बड़े-बड़े कुबेर जैसे धन के देवता भी उनसे झोली पसारकर मांगते हैं। आज के इस भागदौड् भरे जीवन में बड़े-बड़े धनवानों तथा अत्यन्त चिन्ता में जीवन व्यतीत करने वाले लोगों के लिए शिवरात्रि शिव को समझने का एक उत्तम पर्व है। भगवान शिव चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) सिरसा द्वारा आयोजित शिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में महाशिवपुराण कथा में शिव के व्यवहारिक और मनोचिकित्सीय स्वरूप की चर्चा करते हुए तपोभूमि हरिद्वार से पधारे महामण्डलेश्वर गीता भागवत व्यास डा० स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज ने कहा कि शिव जैसा जीवन हो जाए तभी शिव पूजा सार्थक है। हमने शिव की मान्यताएं नहीं ओढनी परन्तु शिव धर्म को धारण करना है। भरी सभा में दक्ष द्वारा किया गया अपमान हो या फिर देवताओं द्वारा दिया गया हलाहल विष हो शिव दोनों ही पी गए और पीने का भी विचित्र ढंग। न तो अन्दर ले गए और न ही बाहर उगला, कंठि में धारण कर लिया और नीलकण्ठ कहलाए अर्थात व्यर्थ की सांसारिक बातों को न अन्दर स्थान दो और न ही समाज में निन्दा चुगली के रूप में उगलो तो तनाव मुक्त हो जाओगे। सभी धार्मिक क्रियाएं व्यक्ति के स्वयं के लिए हैं किसी देवी-देवता के लिए नहीं। हम कचरे के ढेर को न छोड़ेंगे तो कोई कैसे हमें बदबू से बचा सकता है? हम ही बुराईयों को न छोड़ें तो कोई हमें कैसे शांति प्रदान करेगा? शिव धर्म सदाचारी एवं विवेकी होने की साधना है। बुराईयों से सवर्था दूर रहकर स्वयं में ही स्थित होने की अराधना है। हर हाल में प्रसन्न रहकर जीवन जीने की कला है। इस अवसर पर विशेष रूप से आए पं० भगवान दास शर्मा 'खामोश' व अजय कुमार ने अपने भजनों द्वारा भक्तजनों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर ब्लॉक कमेटी कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश मेहता, नन्दलाल मेहता, मुल्तान सभा के प्रधान नन्दलाल मेहता, अमरनाथ संघर्ष समिति वीरभान सेठी, प्रमुख समाजसेवी आनन्द स्वरूप अरोड़ा, चरण दास मेहता, गोबिन्द राम मेहता, नगर पार्षद रमेश मेहता, शाम सचदेवा एडवोकेट, सुरेश गोयल, विजय कोचर, कृष्ण लाल बांसल, महेन्द्र मेहता, मोहित मेहता, बृजमोहन मेहता, राजेन्द्र मुंजाल ने श्री महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
सिरसा(सिटीकिंग) शिव समष्टि देव है, जीवन जीने की कला है, वैभव प्रधान नहीं वैराग्य प्रधान हैं। वे अभाव में भी सम्पूर्ण आनंद से भरे हैं। शमशान में भी उतने ही ठाठ से रह लेते हैं जितना हम लोग आलीशाम मकान में नहीं रह पाते। आखिर क्या सम्पत्ति है कि कुछ भी तो नहीं दिखाई पड़ता उनके पास और फिर भी बड़े-बड़े कुबेर जैसे धन के देवता भी उनसे झोली पसारकर मांगते हैं। आज के इस भागदौड् भरे जीवन में बड़े-बड़े धनवानों तथा अत्यन्त चिन्ता में जीवन व्यतीत करने वाले लोगों के लिए शिवरात्रि शिव को समझने का एक उत्तम पर्व है। भगवान शिव चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) सिरसा द्वारा आयोजित शिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में महाशिवपुराण कथा में शिव के व्यवहारिक और मनोचिकित्सीय स्वरूप की चर्चा करते हुए तपोभूमि हरिद्वार से पधारे महामण्डलेश्वर गीता भागवत व्यास डा० स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज ने कहा कि शिव जैसा जीवन हो जाए तभी शिव पूजा सार्थक है। हमने शिव की मान्यताएं नहीं ओढनी परन्तु शिव धर्म को धारण करना है। भरी सभा में दक्ष द्वारा किया गया अपमान हो या फिर देवताओं द्वारा दिया गया हलाहल विष हो शिव दोनों ही पी गए और पीने का भी विचित्र ढंग। न तो अन्दर ले गए और न ही बाहर उगला, कंठि में धारण कर लिया और नीलकण्ठ कहलाए अर्थात व्यर्थ की सांसारिक बातों को न अन्दर स्थान दो और न ही समाज में निन्दा चुगली के रूप में उगलो तो तनाव मुक्त हो जाओगे। सभी धार्मिक क्रियाएं व्यक्ति के स्वयं के लिए हैं किसी देवी-देवता के लिए नहीं। हम कचरे के ढेर को न छोड़ेंगे तो कोई कैसे हमें बदबू से बचा सकता है? हम ही बुराईयों को न छोड़ें तो कोई हमें कैसे शांति प्रदान करेगा? शिव धर्म सदाचारी एवं विवेकी होने की साधना है। बुराईयों से सवर्था दूर रहकर स्वयं में ही स्थित होने की अराधना है। हर हाल में प्रसन्न रहकर जीवन जीने की कला है। इस अवसर पर विशेष रूप से आए पं० भगवान दास शर्मा 'खामोश' व अजय कुमार ने अपने भजनों द्वारा भक्तजनों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर ब्लॉक कमेटी कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश मेहता, नन्दलाल मेहता, मुल्तान सभा के प्रधान नन्दलाल मेहता, अमरनाथ संघर्ष समिति वीरभान सेठी, प्रमुख समाजसेवी आनन्द स्वरूप अरोड़ा, चरण दास मेहता, गोबिन्द राम मेहता, नगर पार्षद रमेश मेहता, शाम सचदेवा एडवोकेट, सुरेश गोयल, विजय कोचर, कृष्ण लाल बांसल, महेन्द्र मेहता, मोहित मेहता, बृजमोहन मेहता, राजेन्द्र मुंजाल ने श्री महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।