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इनेलों द्वारा हजका विधायकों की सदस्यता खारिज करने के लिए याचिका दायर

4 फरवरी 2010

चंडीगढ(सिटीकिंग) इनेलो ने हजकां से दलबदल कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पांचों विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करवाने के लिए हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष के पास छह अलग-अलग याचिकाएं दायर करते हुए अध्यक्ष से इन विधायकों की सदस्यता तुरन्त रद्द किए जाने की मांग की है। गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष तीन याचिकाएं विधानसभा में पार्टी के उपनेता शेर सिंह बडशामी की ओर से और तीन याचिकाएं इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा की ओर से दायर की गई हैं। इनेलो के दोनों विधायकों द्वारा एक-एक याचिका सतपाल सांगवान के खिलाफ और दूसरी याचिका हजकां के तीन विधायकों राव नरेंद्र सिंह, विनोद भ्याना व जिले राम शर्मा के खिलाफ और तीसरी याचिका धर्म सिंह छोक्कर के खिलाफ दायर करते हुए दलबदल कानून के अन्तर्गत इन विधायकों की विधानसभा सदस्यता तुरन्त रद्द किए जाने की मांग की गई है। विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिन्द्र सिंह च_ा के समक्ष आज इनेलो विधायकों द्वारा दायर की गई याचिकाओं में कहा गया कि हजकां टिकट पर चुनाव जीतकर आए सतपाल सांगवान को हजकां से निकाल दिए जाने के बाद वे दलबदल कानून के अन्तर्गत कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकते थे और कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने दलबदल कानून का सीधा-सीधा उल्लंघन किया है इसलिए उनकी सदस्यता तुरन्त रद्द की जाए। दूसरी याचिका में राव नरेंद्र सिंह, विनोद भ्याना व जिले राम शर्मा के हजकां टिकट पर जीतने के बाद कांग्रेस में विलय को चुनौती देते हुए तुरन्त उनकी सदस्यता दलबदल कानून के अन्तर्गत रद्द करने की मांग की गई है। इनेलो नेताओं ने समालखा से हजकां टिकट पर विजयी विधायक धर्म सिंह छोक्कर द्वारा कांग्रेस में शामिल होने को भी अलग से चुनौती देते हुए स्पीकर से आग्रह किया गया है कि उनकी सदस्यता को तुरन्त रद्द किया जाए। स्पीकर के पास याचिकाएं दायर करने के बाद विधानसभा सचिवालय के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा व शेर सिंह बडशामी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के खिलाफ जनादेश दिया था और कांग्रेस के 40 विधायकों के मुकाबले विपक्ष के 50 विधायक चुनाव जीतकर आए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कभी भी लोकतन्त्र में विश्वास नहीं रहा और जिस तरह से प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की कुर्सी बचाने के लिए संसद में लोकसभा के सांसदों की खरीदोफरोख्त की गई उसी तरह प्रदेश में कांग्रेस ने जनादेश का सम्मान करने की बजाय खरीदो फरोख्त के माध्यम से सत्ता पर काबिज होने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पहले निर्दलीय विधायकों को बड़े-बड़े प्रलोभन देकर उन्हें कांग्रेस ने अपने साथ जोडऩे का प्रयास किया और इसके बावजूद जब कांग्रेस को ये लगा कि दलबदल के सहारे उनकी सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती तो फिर हजकां के विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने का अलोकतान्त्रिक व असंवैधानिक तरीका अपनाकर लोकतान्त्रिक मर्यादाओं का हनन किया गया। श्री बडशामी व अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा दलबदल कानून के तहत हजकां की टिकट पर चुनाव जीतकर आए इन पांचों विधायकों को कांग्रेस में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं था और उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष पुरानी परम्पराओं का पालन करते हुए इन विधायकों को जल्दी ही विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार देंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह से दलबदल करने वाले विधायक विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो चुके हैं और इस मामले में भी उन्हें जल्द ही स्पीकर से न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वे इस असंवैधानिक व अलोकतान्त्रिक दलबदल के खिलाफ पूरी मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे जिसमें निश्चित तौर पर लोकतन्त्र की जीत होगी और दलबदल करने वाले विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी।

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