किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन
23 फरवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) अखिल भारतीय किसान सभा की सिरसा जिला कमेटी के आह्वान पर आज सैंकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय टाउन पार्क में जोरदार प्रर्दशन किया तथा जिला प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी की। इस रोष प्रर्दशन को संबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कृष्ण स्वरूप ने कहा कि किसानों का हित चिन्तक होने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार खाद के हाल ही में बढ़ाए गए दामों पर मौन साधे बैठी है। इसके अतिरिक्त सूखा ग्रस्त इलाके में नुकसान की दर केवल 25 प्रतिशत ही दिखाई गई है,जबकि हरियाणा में किसानों की फसलों का नुक्सान 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसलों को पालने के लिए पानी तक मोहैया करवाने तक में सरकार असफल साबित हुई है। उन्होंने डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट हरियाणा में लागू करने, नहरों में दो सप्ताह पानी छोडऩे और खाद के बड़े हुए रेटों को कम करने की मांग हरियाणा सरकार से की। किसान सभा जिला के प्रधान प्रह़्लाध सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि सभा के नेतृत्व में जिला भर के किसान सूखा ग्रस्त इलाकों की गिरदावरी को दुरूस्त करने, बिजली आपूर्ति तथा ट्यूबवैल से पकने वाली फसलों का आबियाना बन्द किए जाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर निरन्तर संघर्ष कर रही है, लेकिन जिला प्रशासन उनकी इन जायज मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इसी उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते किसानों का रोष चरम पर पहुँच गया है जिसके चलते आज किसान अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त का घेराव करने का निर्णय लेकर यहाँ इक्ट्ठे हुए हैं। इस रोष प्रर्दशन में किसान सभा के ऐलनाबाद के प्रधान रमेश सहारण,डबवाली प्रधान रामसिंह बनवाला,चौपटा प्रधान नरेन्द्र,राजेन्द्र बालासर,सुरजीत,छोटूराम शाहपुरिया,हेतराम लेगा,निहाल सिंह गिंदड़ा,विकास कुसुम्भी,साहब राम दहिया,प्रीतम सिंह जलालआना,सुरजीत सिंह गंगा,गुरटेक सिंह, सहित अनेक किसान नेताओं ने इस रोष प्रर्दशन को संबोधित कर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। इस प्रदर्शन के बाद बड़ी संख्या में किसान जिला उपायुक्त कार्यालय की ओर रवाना हुए। जहाँ उन्होंने जोरदार प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगे नहीं माने जाने तक इस कार्यालय पर अपना यह प्रदर्शन जारी रखने की बात कही।
सिरसा(सिटीकिंग) अखिल भारतीय किसान सभा की सिरसा जिला कमेटी के आह्वान पर आज सैंकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय टाउन पार्क में जोरदार प्रर्दशन किया तथा जिला प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी की। इस रोष प्रर्दशन को संबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कृष्ण स्वरूप ने कहा कि किसानों का हित चिन्तक होने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार खाद के हाल ही में बढ़ाए गए दामों पर मौन साधे बैठी है। इसके अतिरिक्त सूखा ग्रस्त इलाके में नुकसान की दर केवल 25 प्रतिशत ही दिखाई गई है,जबकि हरियाणा में किसानों की फसलों का नुक्सान 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसलों को पालने के लिए पानी तक मोहैया करवाने तक में सरकार असफल साबित हुई है। उन्होंने डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट हरियाणा में लागू करने, नहरों में दो सप्ताह पानी छोडऩे और खाद के बड़े हुए रेटों को कम करने की मांग हरियाणा सरकार से की। किसान सभा जिला के प्रधान प्रह़्लाध सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि सभा के नेतृत्व में जिला भर के किसान सूखा ग्रस्त इलाकों की गिरदावरी को दुरूस्त करने, बिजली आपूर्ति तथा ट्यूबवैल से पकने वाली फसलों का आबियाना बन्द किए जाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर निरन्तर संघर्ष कर रही है, लेकिन जिला प्रशासन उनकी इन जायज मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इसी उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते किसानों का रोष चरम पर पहुँच गया है जिसके चलते आज किसान अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त का घेराव करने का निर्णय लेकर यहाँ इक्ट्ठे हुए हैं। इस रोष प्रर्दशन में किसान सभा के ऐलनाबाद के प्रधान रमेश सहारण,डबवाली प्रधान रामसिंह बनवाला,चौपटा प्रधान नरेन्द्र,राजेन्द्र बालासर,सुरजीत,छोटूराम शाहपुरिया,हेतराम लेगा,निहाल सिंह गिंदड़ा,विकास कुसुम्भी,साहब राम दहिया,प्रीतम सिंह जलालआना,सुरजीत सिंह गंगा,गुरटेक सिंह, सहित अनेक किसान नेताओं ने इस रोष प्रर्दशन को संबोधित कर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। इस प्रदर्शन के बाद बड़ी संख्या में किसान जिला उपायुक्त कार्यालय की ओर रवाना हुए। जहाँ उन्होंने जोरदार प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगे नहीं माने जाने तक इस कार्यालय पर अपना यह प्रदर्शन जारी रखने की बात कही।