कर्मचारियों ने सरकार के निजी परमिट देने के विरोध में किया प्रदर्शन
17 फरवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन, हरियाणा के सिरसा डिपो के कर्मचारियों ने सरकार के निजी परमिट देने के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन की प्रदेश कार्यकारिणी के उप्रधान कामरेड महावीर सिंह ने की। कर्मचारियों ने रोषस्वरूप सरकार के खिलाफ काले झण्डे लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में सरकार द्वारा निजी बसों को 2600 परमिट सौंपने को लेकर सरकार की कड़ी निंदा की गई। इस अवसर पर हरिसिंह गोदारा, रामस्वरूप झोरड़, हरमीत सिंह पक्कां, आत्मा राम सहारण, देवीलाल, रमेश मजोका, गुरबन्ध सिंह रंधावा, सुरजीत सिंह, चंद्रशेखर धम्मी, मीत सिंह बठला, अजीत सिंह, रामस्वरूप ढ़ाका ने भी प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया। प्रदर्शन में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव विजय पाल जाखड़ विशेष रूप में शामिल हुए। उन्होनें सरकार से निजी परमिटों पर पूर्ण रूप से रोक लगाने, रोडवेज के बेड़े में 8 हजार अतिरिक्त बसे जोडऩे, ठेके पर कार्यरत व दैनिक वेतन पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को पक्का करने, चालकोंं-परिचालकों व कर्मशाला कर्मचारियों को भर्ती करने, रोडवेज में खाली पड़े सभी पदों की पदोन्नति व स्थाई भर्ती से नए कर्मचारियों को भरे जाने, छठे वेतन आयोग को हरियाणा में केन्द्र के कर्मचारियों के बराबर लागू करने, बढ़े हुए वेतनमान पर ओवर टाईम के एरियर का भुगतान व बकाया 60 प्रतिशत वेतनमान एरियर का एक मुस्त भुगतान किए जाने की मांग की। इस अवसर पर डिपो प्रधान रामरूवरूप झोरड़ व हरिसिंह गोदारा ने संयुक्त रूप से सरकार से सभी कर्मचारियों के 4, 9, व 13 वर्ष पूर्ण करने के उपरांत ए.सी.पी. दिए जाने, रोजगार विभाग के माध्यम से भर्ती चालकों, परिचालकों व वर्कशॉप के कर्मचारियों की सेवा के 240 दिन पूरे करने के उपरांत उन्हें नियमित करके ए.सी.पी. का लाभ दिए जाने, मुख्यालयों की तरह डिपुओं में उपअधीक्षक के पद स्वीकृत करने, टिकट वैरीफायर को दिनांक 01.04.1987 से नियमित मान कर उन्हें 01.04.1997 से प्रथम ए.सी.पी. वेतनमान दिए जाने, अवैध वाहनों पर पूर्ण से प्रतिबंध लगाने बारे कानून बनाने की मांग की। अपने अध्यक्षीय भाषण में कामरेड महावीर ने चेतावनी देते हुए सरकार से अपील की कि सरकार यूनियन द्वारा दिए गए गत 9 फरवरी के मांग पत्र के बारे तुरंत युनियन की समिति को बुलाकर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करे तथा निजी परमिटों को रद्द करे अन्यथा यूनियन अगामी संघर्ष की घोषणा करने पर मजबूर होगी तथा इसमे उत्पन्न होने वाली अशांति व जनता की परेशानी की जिम्मेवारी सरकार की होगी।
सिरसा(सिटीकिंग) हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन, हरियाणा के सिरसा डिपो के कर्मचारियों ने सरकार के निजी परमिट देने के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन की प्रदेश कार्यकारिणी के उप्रधान कामरेड महावीर सिंह ने की। कर्मचारियों ने रोषस्वरूप सरकार के खिलाफ काले झण्डे लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में सरकार द्वारा निजी बसों को 2600 परमिट सौंपने को लेकर सरकार की कड़ी निंदा की गई। इस अवसर पर हरिसिंह गोदारा, रामस्वरूप झोरड़, हरमीत सिंह पक्कां, आत्मा राम सहारण, देवीलाल, रमेश मजोका, गुरबन्ध सिंह रंधावा, सुरजीत सिंह, चंद्रशेखर धम्मी, मीत सिंह बठला, अजीत सिंह, रामस्वरूप ढ़ाका ने भी प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया। प्रदर्शन में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव विजय पाल जाखड़ विशेष रूप में शामिल हुए। उन्होनें सरकार से निजी परमिटों पर पूर्ण रूप से रोक लगाने, रोडवेज के बेड़े में 8 हजार अतिरिक्त बसे जोडऩे, ठेके पर कार्यरत व दैनिक वेतन पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को पक्का करने, चालकोंं-परिचालकों व कर्मशाला कर्मचारियों को भर्ती करने, रोडवेज में खाली पड़े सभी पदों की पदोन्नति व स्थाई भर्ती से नए कर्मचारियों को भरे जाने, छठे वेतन आयोग को हरियाणा में केन्द्र के कर्मचारियों के बराबर लागू करने, बढ़े हुए वेतनमान पर ओवर टाईम के एरियर का भुगतान व बकाया 60 प्रतिशत वेतनमान एरियर का एक मुस्त भुगतान किए जाने की मांग की। इस अवसर पर डिपो प्रधान रामरूवरूप झोरड़ व हरिसिंह गोदारा ने संयुक्त रूप से सरकार से सभी कर्मचारियों के 4, 9, व 13 वर्ष पूर्ण करने के उपरांत ए.सी.पी. दिए जाने, रोजगार विभाग के माध्यम से भर्ती चालकों, परिचालकों व वर्कशॉप के कर्मचारियों की सेवा के 240 दिन पूरे करने के उपरांत उन्हें नियमित करके ए.सी.पी. का लाभ दिए जाने, मुख्यालयों की तरह डिपुओं में उपअधीक्षक के पद स्वीकृत करने, टिकट वैरीफायर को दिनांक 01.04.1987 से नियमित मान कर उन्हें 01.04.1997 से प्रथम ए.सी.पी. वेतनमान दिए जाने, अवैध वाहनों पर पूर्ण से प्रतिबंध लगाने बारे कानून बनाने की मांग की। अपने अध्यक्षीय भाषण में कामरेड महावीर ने चेतावनी देते हुए सरकार से अपील की कि सरकार यूनियन द्वारा दिए गए गत 9 फरवरी के मांग पत्र के बारे तुरंत युनियन की समिति को बुलाकर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करे तथा निजी परमिटों को रद्द करे अन्यथा यूनियन अगामी संघर्ष की घोषणा करने पर मजबूर होगी तथा इसमे उत्पन्न होने वाली अशांति व जनता की परेशानी की जिम्मेवारी सरकार की होगी।