महाविद्यालय के पंजाबी विभाग की दयनीय स्थिति पर चिंता
11 मार्च 2010
सिरसा(सिटीकिंग) पंजाबी सत्कार सभा सिरसा ने स्थानीय राजकीय नेशनल महाविद्यालय के पंजाबी विभाग की दयनीय स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसकी स्थिति को नहीं सुधारे जाने के हालात में जन आन्दोलन शुरू करने की बात कही है। पंजाबी सत्कार सभा के जिला प्रधान प्रदीप सचदेवा ने बताया कि इस राजकीय नेशनल महाविद्यालय में कहने को तो पंजाबी विभाग है लेकिन इसके लिए न तो कोई कार्यालय है और न कक्षाएं लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कमरे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस समय इस विद्यालय में पंजाबी विषय पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या 700 से अधिक है लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए केवल 3 प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है जबकि इस महाविद्यालय में 6 प्राध्यापकों की नियुक्ति का प्रावधान है उन्होंने कहा पंजाबी भाषा के विकास के लिए उचित माहोल तैयार कर पाने में भी महाविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है यहाँ तक कि महाविद्यालय में पंजाबी का केवल एक समाचार पत्र लगवाकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री समझ ली है और यहाँ के पंजाबी भाषी विद्यार्थियों के लिए कोई भी पत्रिका तक उपलब्ध नहीं है उन्होंने बताया कि इन बड़ी समस्याओं के निधान के लिए पंजाबी सत्कार सभा के पदाधिकारियों ने महाविद्यालय की प्राचार्या से भेंट की है लेकिन इन समस्याओं के समाधान के लिए उनका रूख साकारात्मक नहीं था। सचदेवा ने कहा कि पंजाबी भाषा के विकास के लिए पंजाबी के विद्यार्थियों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करना कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी है और अगर उन्होंने सभा द्वारा प्राचार्या को दिए गए मांगपत्र पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही नहीं की तो सभा पंजाबी हितैषी संगठनो के सहयोग से एक व्यापक जनान्दोलन शुरू कर देगी।
सिरसा(सिटीकिंग) पंजाबी सत्कार सभा सिरसा ने स्थानीय राजकीय नेशनल महाविद्यालय के पंजाबी विभाग की दयनीय स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसकी स्थिति को नहीं सुधारे जाने के हालात में जन आन्दोलन शुरू करने की बात कही है। पंजाबी सत्कार सभा के जिला प्रधान प्रदीप सचदेवा ने बताया कि इस राजकीय नेशनल महाविद्यालय में कहने को तो पंजाबी विभाग है लेकिन इसके लिए न तो कोई कार्यालय है और न कक्षाएं लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कमरे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस समय इस विद्यालय में पंजाबी विषय पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या 700 से अधिक है लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए केवल 3 प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है जबकि इस महाविद्यालय में 6 प्राध्यापकों की नियुक्ति का प्रावधान है उन्होंने कहा पंजाबी भाषा के विकास के लिए उचित माहोल तैयार कर पाने में भी महाविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है यहाँ तक कि महाविद्यालय में पंजाबी का केवल एक समाचार पत्र लगवाकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री समझ ली है और यहाँ के पंजाबी भाषी विद्यार्थियों के लिए कोई भी पत्रिका तक उपलब्ध नहीं है उन्होंने बताया कि इन बड़ी समस्याओं के निधान के लिए पंजाबी सत्कार सभा के पदाधिकारियों ने महाविद्यालय की प्राचार्या से भेंट की है लेकिन इन समस्याओं के समाधान के लिए उनका रूख साकारात्मक नहीं था। सचदेवा ने कहा कि पंजाबी भाषा के विकास के लिए पंजाबी के विद्यार्थियों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करना कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी है और अगर उन्होंने सभा द्वारा प्राचार्या को दिए गए मांगपत्र पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही नहीं की तो सभा पंजाबी हितैषी संगठनो के सहयोग से एक व्यापक जनान्दोलन शुरू कर देगी।