आने वाला इतिहास लिखा जायेगा फोटोग्राफरों के माध्यम से
20 मार्च 2010
हैलो सिरसा: समय को कोई भी नहीं रोक पाया है लेकिन एक फोटोग्राफर इस अनहोनें कार्य के लिए प्रयास जरूर कर सकता है। एक वक्त था जब इतिहास लेखकों द्वारा लिखा जाता था लेकिन मेरा मानना है कि आने वाला इतिहास फोटोग्राफरों द्वारा ही लिखा जाएगा। किसी सुनहरे पल को कैमरे में संजोकर उसे यादगार लम्हा बनाया जा सकता है। फोटोग्राफी का क्षेत्र बहुत ही विशाल है। इसमें अपनी रूचि के अनुसार विधा को चयनित किया जा सकता है। परन्तु इस क्षेत्र में जरूरत है जुनून की। अगर बात पत्रकारिता की करें तो इसमें भी हम फोटो पत्रकारिता के माध्यम से समाज सेवा में अनूठा योगदान दे सकते हैं। जिंदगी के हर क्षण में इसका एक विशेष महत्व है। तकनीकी विकास ने इसके रोमांच और महता में और भी इजाफा कर दिया है। विशेष अध्ययन व कड़े परिश्रम द्वारा ही इस विधा का आनंद लिया जा सकता है। यह कहना है विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में फोटो पत्रकारिता कर चुके राज कुमार सिरोही का। सिरोही सामुदायिक रेडियो स्टेशन के कार्यक्रम हैलो सिरसा में, अपराजिता के साथ फोटोग्राफी के विभिन्न पक्षों पर बातचीत कर रहे थे। उन्होनें श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई सवालों के जवाब भी दिए।
प्रस्तुत है इस वार्तालाप के संपादित अंश:-
प्राचीन समय की फोटोग्राफी और आज की फोटोग्राफी में क्या अंतर है?
देखिए फर्क तो है ही पहले रील वाले कैमरे होते थे जबकि आज डिजि़टल कैमरों का प्रचलन है। इसकी खासियत यह है कि इसमें चित्र के परिणाम तुरंत देख लिए जाते हैं। वहीं तकनीक की बात करें तो पहले के कैमरों में रील होती थी। इसमें फोटो की भी सीमा होती थी केवल 36 फोटो ही एक रील में आ सकते थे। न ही इसमें ये पता चल पाता था कि कितनी फोटो ठीक है। लेकिन आज के कैमरों में सैंसर लगे होते है, जिससे कि हम मनचाही फोटो खींच सकते है और नापसंद को डिलीट कर सकें।
फोटोग्राफी में करियर की क्या संभावनाएं है?
सर्वप्रथम विद्यार्थी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह फोटोग्राफी की किस विधा को चुनना चाहता है। यदि उसे रोमांच पसंद है तो वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी चुन सकता है, पत्रकारिता में रूचि है तो फोटो जर्नलिस्ट भी बन सकता है, फैशन जगत में भी जा सकता है। यानि वह अपनी इच्छानुसार किसी भी क्षेत्र में अपना हाथ अजमा सकता है। जहां तक कॅरियर का सवाल है आज सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर फैशन फोटोग्राफी व फोटो जर्नलिज्म में है। कोर्स की बात करें तो विशाल भैंडे व मनोहर देसाई मुंबई में अच्छे स्तर के कै्रश कोर्स करवाते हैं। डिग्री व लम्बे समय तक चलने वाले कोर्स भी कई शिक्षण संस्थानों द्वारा करवाएं जा रहे है। फोटो पत्रकारिता में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है? फोटो पत्रकारिता बहुत ही रोमांचक क्षेत्र हैं परन्तु रोमांचकता के साथ-साथ इस क्षेत्र में बहुत सी मुश्किलें भी एक पत्रकार के सामने आती हैं। जब भी शहर में कोई घटना घटित होती है तो पत्रकार को उसी समय घटनास्थल पर पहुंचकर दृश्य को कैमरे में कैद करना होता है अर्थात उसे हर समय तैयार रहना चाहिए। उस समय उसे इस बात का ज्ञान नहीं होता है कि वह किस प्रकार उसकी फोटो को कैमरे में कैद करे। -प्रवीण कुमार इन्सां
हैलो सिरसा: समय को कोई भी नहीं रोक पाया है लेकिन एक फोटोग्राफर इस अनहोनें कार्य के लिए प्रयास जरूर कर सकता है। एक वक्त था जब इतिहास लेखकों द्वारा लिखा जाता था लेकिन मेरा मानना है कि आने वाला इतिहास फोटोग्राफरों द्वारा ही लिखा जाएगा। किसी सुनहरे पल को कैमरे में संजोकर उसे यादगार लम्हा बनाया जा सकता है। फोटोग्राफी का क्षेत्र बहुत ही विशाल है। इसमें अपनी रूचि के अनुसार विधा को चयनित किया जा सकता है। परन्तु इस क्षेत्र में जरूरत है जुनून की। अगर बात पत्रकारिता की करें तो इसमें भी हम फोटो पत्रकारिता के माध्यम से समाज सेवा में अनूठा योगदान दे सकते हैं। जिंदगी के हर क्षण में इसका एक विशेष महत्व है। तकनीकी विकास ने इसके रोमांच और महता में और भी इजाफा कर दिया है। विशेष अध्ययन व कड़े परिश्रम द्वारा ही इस विधा का आनंद लिया जा सकता है। यह कहना है विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में फोटो पत्रकारिता कर चुके राज कुमार सिरोही का। सिरोही सामुदायिक रेडियो स्टेशन के कार्यक्रम हैलो सिरसा में, अपराजिता के साथ फोटोग्राफी के विभिन्न पक्षों पर बातचीत कर रहे थे। उन्होनें श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई सवालों के जवाब भी दिए।
प्रस्तुत है इस वार्तालाप के संपादित अंश:-
प्राचीन समय की फोटोग्राफी और आज की फोटोग्राफी में क्या अंतर है?
देखिए फर्क तो है ही पहले रील वाले कैमरे होते थे जबकि आज डिजि़टल कैमरों का प्रचलन है। इसकी खासियत यह है कि इसमें चित्र के परिणाम तुरंत देख लिए जाते हैं। वहीं तकनीक की बात करें तो पहले के कैमरों में रील होती थी। इसमें फोटो की भी सीमा होती थी केवल 36 फोटो ही एक रील में आ सकते थे। न ही इसमें ये पता चल पाता था कि कितनी फोटो ठीक है। लेकिन आज के कैमरों में सैंसर लगे होते है, जिससे कि हम मनचाही फोटो खींच सकते है और नापसंद को डिलीट कर सकें।
फोटोग्राफी में करियर की क्या संभावनाएं है?
सर्वप्रथम विद्यार्थी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह फोटोग्राफी की किस विधा को चुनना चाहता है। यदि उसे रोमांच पसंद है तो वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी चुन सकता है, पत्रकारिता में रूचि है तो फोटो जर्नलिस्ट भी बन सकता है, फैशन जगत में भी जा सकता है। यानि वह अपनी इच्छानुसार किसी भी क्षेत्र में अपना हाथ अजमा सकता है। जहां तक कॅरियर का सवाल है आज सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर फैशन फोटोग्राफी व फोटो जर्नलिज्म में है। कोर्स की बात करें तो विशाल भैंडे व मनोहर देसाई मुंबई में अच्छे स्तर के कै्रश कोर्स करवाते हैं। डिग्री व लम्बे समय तक चलने वाले कोर्स भी कई शिक्षण संस्थानों द्वारा करवाएं जा रहे है। फोटो पत्रकारिता में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है? फोटो पत्रकारिता बहुत ही रोमांचक क्षेत्र हैं परन्तु रोमांचकता के साथ-साथ इस क्षेत्र में बहुत सी मुश्किलें भी एक पत्रकार के सामने आती हैं। जब भी शहर में कोई घटना घटित होती है तो पत्रकार को उसी समय घटनास्थल पर पहुंचकर दृश्य को कैमरे में कैद करना होता है अर्थात उसे हर समय तैयार रहना चाहिए। उस समय उसे इस बात का ज्ञान नहीं होता है कि वह किस प्रकार उसकी फोटो को कैमरे में कैद करे। -प्रवीण कुमार इन्सां