महिला सशिक्तकरण के लिए शिक्षा एक संगठन माध्यम - कला श्योराण
08 मार्च 2010
हिसार। स्थानीय जाट शिक्षण महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सुषमा ने प्रथम व अनु ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता को पुरूस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि उपायुक्त हिसार की धर्मपत्नी कला श्योराण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अकेली सरकारी योजनाओं से महिला सशक्तिकरण नहीं हो सकता इसके लिए आम आदमी की भागेदारी भी जरूरी है। आज महिलाओं की भागेदारी शिक्षा, चिकित्सा, सेना व समाज सेवा के क्षेत्र में बढ़ रही है परन्तु नारी सशक्तिकरण के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है, और शिक्षा इसके लिए एक सशक्त माध्यम है। इसके लिए समाज में हर कोने में साक्षरता की अलख जगाना जरूरी है। नारी शिक्षा से स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने लघु नाटिका अमर सिंह की कहानी द्वारा आज के समाज को ये संदेश दिया कि हमारी बेटियां दो-दो कुलों की लाज बचाती है व शान बढ़ाती है। महिला सैल की संयोजक डा० चंद्रप्रभा ने कहा कि हमारे समाज में नारी के प्रति बीमार मानसिकता को बदलने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डा० निर्मला ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता आएगी और महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। मंच संचालन में कुमारी पल्लवी ने श्रोताओं को अपनी वाणी से मंत्रमुगध कर दिया। स्टाफ सदस्य व विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को खूब सराहा।
हिसार। स्थानीय जाट शिक्षण महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सुषमा ने प्रथम व अनु ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता को पुरूस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि उपायुक्त हिसार की धर्मपत्नी कला श्योराण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अकेली सरकारी योजनाओं से महिला सशक्तिकरण नहीं हो सकता इसके लिए आम आदमी की भागेदारी भी जरूरी है। आज महिलाओं की भागेदारी शिक्षा, चिकित्सा, सेना व समाज सेवा के क्षेत्र में बढ़ रही है परन्तु नारी सशक्तिकरण के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है, और शिक्षा इसके लिए एक सशक्त माध्यम है। इसके लिए समाज में हर कोने में साक्षरता की अलख जगाना जरूरी है। नारी शिक्षा से स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने लघु नाटिका अमर सिंह की कहानी द्वारा आज के समाज को ये संदेश दिया कि हमारी बेटियां दो-दो कुलों की लाज बचाती है व शान बढ़ाती है। महिला सैल की संयोजक डा० चंद्रप्रभा ने कहा कि हमारे समाज में नारी के प्रति बीमार मानसिकता को बदलने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डा० निर्मला ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता आएगी और महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। मंच संचालन में कुमारी पल्लवी ने श्रोताओं को अपनी वाणी से मंत्रमुगध कर दिया। स्टाफ सदस्य व विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को खूब सराहा।