पंजाबी सम्मेजलन से क्या पंजाबी लाभांवित होंगे?
03 अप्रैल 2010
हिसार(न्यूजप्लॅस) हरियाणा के पंजाबी समुदाय एक बार फिर अपने स्वयंभू ठेकेदारों की तरफ टिक-टिकी लगा कर देख रहे हैं। वैसे तो कभी पंजाबी बिरादरी के ठेकेदार रहे ऐ.सी.चौधरी, बलबीर पाल शाह की रहस्यमयी चुप्पी तथा गिर चुके राजनीतिक भाव के चलते सांसद शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी ने पंजाबी समाज की ठेकेदारी का जिम्मा उठाते हुए चार अप्रैल को हिसार में पंजाबी महासम्मेलन की उफली बजाकर पंजाबी समुदाय की राजनीति में हलचल मचा दी है। हजकां के विधायक बनकर हजकां से किनारा कर कांग्रेसी झंडे के नीचे जाने वाले विनोद भयाणा इस सम्मेलन को लेकर काफी सक्रिय है, क्योंकि उन्हें झंडी वाली कार चाहिये, जो मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का गुणगान करने पर मिल सकती है। पंजाबी समुदाय के हितों के लिए लम्बे समय से संघर्षरत और राज्य में विशेष पहचान रखने वाले संत संत कुमार ऐडवोकेट भी पंजाबी महासम्मेलन के पक्षधर हैं, मगर शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी प्रचार-प्रसार में संतकुमार ऐडवोकेट का जिक्र नहीं दिखाई दे रहा। शादीलाल बत्तरा राग अलाप रहे हैं कि पंजाबी महासम्मेलन अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा, मगर किस के लिए यह प्रश्र भी राजनीतिक विशेषज्ञों की समझ से बाहर है। पंजाबी ताकत दिखाकर शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी क्या पंजाबी समाज को लांभावित कर पायेगी, क्या पंजाबी ताकत इनैलो, हजकां व भाजपा को दिखाई जा रही है। पिछले कुछ समय से पंजाबी समाज के ठेकेदारों की डुगडुगी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में ही बजती रही है, मगर वर्तमान में लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव होने में लम्बा समय पड़ा है और ऐसे समय में पंजाबी समुदाय का यह पंजाबी महासम्मेलन जरूर चर्चा का विषय बन गया है। क्या भूपेन्द्र सिंह हुड्डा गैर जाटों में अपनी पकड़ मजबूत करने का खेल खेल रहे हैं, क्योंकि इससे पूर्व भजन लाल को ही गैर जाट नेता माना जा रहा है। भजन लाल के कांग्रेस छोडऩे उपरांत उनसे गैर जाट निरंतर दूरी बना रहे हैं-जिसका लाभ उठाने के लिए श्री हुड्डा के गुणगान कारकों को ऐसे कार्यक्रम आयोजन करने की सलाह दी गई है। हरियाणा की बजाये दिल्ली में बैठक अखिल भारतीय पंचनद स्मारक समिति की डुगडुगी का पंजाबी समुदाय पर होते प्रभाव से चिंतित श्री हुड्डा का पंजाबी प्रेम उबाले खाने लगा है। एक लम्बे समय तक पंजाबियों के नाम पर चौधर तथा राजपाक में हिस्सेदारी कर चुके लछमण दास अरोड़ा के गृह में अरोड़वंश सदन का नींव पत्थर रखकर श्री हुड्डा दिखाना चाहते हैं कि वह सभी वर्गों के नेता हैं, न कि एक वर्ग के। सिरसा में आज हो रही करोड़ों रुपयों की योजनाओं की शुरुआत रोहतक का मुख्यमंत्री ''कहने वालों के लिए बोलती बंद" का काम करेगी। पंजाबी महा सम्मेलन से आयोजकों को कितना फायदा होगा, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा, परन्तु पंजाबी समाज इस प्रतीक्षा में है कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डा उनके समुदाय के हितों के लिए क्या-क्या घोषणाएं करते हैं? पूरे प्रदेश में जाट और गैरजाट इस पंजाबी महासम्मेलन की सफलता-असफलता पर नजरें टिकाएं हुए है।
हिसार(न्यूजप्लॅस) हरियाणा के पंजाबी समुदाय एक बार फिर अपने स्वयंभू ठेकेदारों की तरफ टिक-टिकी लगा कर देख रहे हैं। वैसे तो कभी पंजाबी बिरादरी के ठेकेदार रहे ऐ.सी.चौधरी, बलबीर पाल शाह की रहस्यमयी चुप्पी तथा गिर चुके राजनीतिक भाव के चलते सांसद शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी ने पंजाबी समाज की ठेकेदारी का जिम्मा उठाते हुए चार अप्रैल को हिसार में पंजाबी महासम्मेलन की उफली बजाकर पंजाबी समुदाय की राजनीति में हलचल मचा दी है। हजकां के विधायक बनकर हजकां से किनारा कर कांग्रेसी झंडे के नीचे जाने वाले विनोद भयाणा इस सम्मेलन को लेकर काफी सक्रिय है, क्योंकि उन्हें झंडी वाली कार चाहिये, जो मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का गुणगान करने पर मिल सकती है। पंजाबी समुदाय के हितों के लिए लम्बे समय से संघर्षरत और राज्य में विशेष पहचान रखने वाले संत संत कुमार ऐडवोकेट भी पंजाबी महासम्मेलन के पक्षधर हैं, मगर शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी प्रचार-प्रसार में संतकुमार ऐडवोकेट का जिक्र नहीं दिखाई दे रहा। शादीलाल बत्तरा राग अलाप रहे हैं कि पंजाबी महासम्मेलन अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा, मगर किस के लिए यह प्रश्र भी राजनीतिक विशेषज्ञों की समझ से बाहर है। पंजाबी ताकत दिखाकर शादीलाल बत्तरा एण्ड कम्पनी क्या पंजाबी समाज को लांभावित कर पायेगी, क्या पंजाबी ताकत इनैलो, हजकां व भाजपा को दिखाई जा रही है। पिछले कुछ समय से पंजाबी समाज के ठेकेदारों की डुगडुगी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में ही बजती रही है, मगर वर्तमान में लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव होने में लम्बा समय पड़ा है और ऐसे समय में पंजाबी समुदाय का यह पंजाबी महासम्मेलन जरूर चर्चा का विषय बन गया है। क्या भूपेन्द्र सिंह हुड्डा गैर जाटों में अपनी पकड़ मजबूत करने का खेल खेल रहे हैं, क्योंकि इससे पूर्व भजन लाल को ही गैर जाट नेता माना जा रहा है। भजन लाल के कांग्रेस छोडऩे उपरांत उनसे गैर जाट निरंतर दूरी बना रहे हैं-जिसका लाभ उठाने के लिए श्री हुड्डा के गुणगान कारकों को ऐसे कार्यक्रम आयोजन करने की सलाह दी गई है। हरियाणा की बजाये दिल्ली में बैठक अखिल भारतीय पंचनद स्मारक समिति की डुगडुगी का पंजाबी समुदाय पर होते प्रभाव से चिंतित श्री हुड्डा का पंजाबी प्रेम उबाले खाने लगा है। एक लम्बे समय तक पंजाबियों के नाम पर चौधर तथा राजपाक में हिस्सेदारी कर चुके लछमण दास अरोड़ा के गृह में अरोड़वंश सदन का नींव पत्थर रखकर श्री हुड्डा दिखाना चाहते हैं कि वह सभी वर्गों के नेता हैं, न कि एक वर्ग के। सिरसा में आज हो रही करोड़ों रुपयों की योजनाओं की शुरुआत रोहतक का मुख्यमंत्री ''कहने वालों के लिए बोलती बंद" का काम करेगी। पंजाबी महा सम्मेलन से आयोजकों को कितना फायदा होगा, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा, परन्तु पंजाबी समाज इस प्रतीक्षा में है कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डा उनके समुदाय के हितों के लिए क्या-क्या घोषणाएं करते हैं? पूरे प्रदेश में जाट और गैरजाट इस पंजाबी महासम्मेलन की सफलता-असफलता पर नजरें टिकाएं हुए है।