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पंजाबियों को पंसद है परिवार नियोजन

02 अप्रैल 2010
कपूरथला(न्यूजप्लॅस) दुनिया में चीन के बाद सबसे बड़ी आबादी वाले देश का अनचाहा रुतबा रखने वाले भारत में धीरे-धीरे ही सही मगर परिवार नियोजन तथा जनसंख्या वृद्धि रोकने के प्रयास के सार्थ परिणाम सामने आ रहे हैं। देश के तभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशमें में पंजाब बढ़ती आबादी के प्रति ज्यादा सतर्क है। केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नेशनल फेमिली हेल्थ-सर्वे-तृतीय (एनएफएचएस-3)के पश्चात सार्वजनिक किए गए आंकड़े तो यही बयां करते हैं कि पंजाबी परिवार समुचित भरण-पोषण को लेकर ज्यादा सुरक्षक हो चले हैं। दीगर है कि एनएफएचएव-2 के सर्वेक्षण की अपेक्षा इस बार के आंकड़ों में बच्चे पैदा करने की क्षमता में अंतर आया है। चाहे इसकी वजह दंपतियों का गर्भ निरोधक तरीकों का बहुतायत में प्रयोग हो। फिर भी जिम्मेदारियों के प्रति समझदार हो चले समाज को भी इसका सबब माना जाना चाहिए। पंजाब के देश के उन राज्यों में प्रथम श्रेणी में जगह दी गई है जहां पर सर्वाधिक 16 फीसदी पुरुष निरोध का इस्तेमाल कर रहे हैं। औसत पर जाएं तो यहां 56 फीसदी दम्पति विभिन्न प्रकार के गर्भ निरोधक का प्रयोग करते हैं, जिनमें गर्भ निरोधक गोलियां, नसबंदी व नलबंदी ऑपरेशन, कॉपर-टी आदि प्रमुख हैं। इस मामले में पंजाबियों की संख्या अन्य राज्य वासियों की औसत संख्या से अधिक है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 15 से 19 वर्ष की 5.4 प्रतिशत महिलाएं, 20 से 24 वर्ष की 31.7 प्रतिशत, 25 से 29 वर्ष की 54.4 प्रतिशत, 30 से 39 वर्ष की 67.7 प्रतिशत तथा 40 वर्ष की 62.9 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधन की आधुनिक तकनीक का प्रयोग करती हैं। इसी प्रकार 20 से 24 वर्ष की 4.9 प्रतिशत महिलाएं, 25 से 29 वर्ष की 20.1 प्रतिशत, 30 से 31 वर्ष की 39.7 प्रतिशत महिलाएं स्थायी ऑपरेशन करवाकर गर्भ धारण से कन्नी काट रही हैं। बात गर्भ निरोधक तकनीकों की मार्किंग की है तो 20 से 24 वर्ष की 3.7 प्रतिशत महिलाएं, 25 से 29 वर्ष की 4 प्रतिशत, 30 से 39 वर्ष की 3.7 प्रतिशत, 40 से 49 वर्ष की 0.6 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करती हैं। जबकि 20 से 24 वर्ष की 6.2 प्रतिशत, 25 से 29 वर्ष की 9.9 प्रतिशत, 30 से 39 वर्ष की 5.4 प्रतिशत तथा 40 से 49 वर्ष की 2.3 प्रतिशत महिलाओं ने कॉपर-टी धारण कर रखी है। इन आंकड़ों में 40 से 49 आयु वर्ष की महिलाओं का शामिल होना दिलचस्प है। पंजाबी पुरुष भी जनसंख्या पर काबू पाने के लिए उतने ही सतर्क हैं जितनी की महिलाएं। आंकड़े बताते हैं कि 15 से 19 वर्ष आयु के 5.4 प्रतिशत, 20 से 24 वर्ष के 17.1 प्रतिशत, 25 से 29 वर्ष के 19.6 प्रतिशत, 30 से 39 वर्ष के 17.9 प्रतिशत तथा 40 से 49 वर्ष के 8.7 प्रतिशत पुरुष निरोध का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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