ताऊ देवीलाल की पुण्यतिथि मनाई श्रद्धापूर्वक
07 अप्रैल 2010
नई दिल्ली: देश के प्रमुख राजनैतिक नेताओं ने चौधरी देवीलाल की नौवीं पुण्यतिथि पर आज जननायक को गरीब, कमेरे, कमजोर, दलित व किसान वर्ग का मसीहा बताते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। चौधरी देवीलाल की दिल्ली स्थित समाधि संघर्ष स्थल पर सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया। संघर्ष स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह व सर्वधर्म सभा में चौधरी देवीलाल को श्रद्धांजलि देने वालों में इनेलो सुप्रीमों ओमप्रकाश चौटाला, श्रीमती सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, शरद यादव, नामा नागेश्वर राव, सुल्तान सिंह, सुरेंद्र वशिष्ठ, विजय गोयल, प्रवेश साहब सिंह वर्मा, मनजिंदर सिंह, अवतार सिंह हित, धर्मदेव सोलंकी, अशोक अरोड़ा, अजय सिंह चौटाला, अभय सिंह चौटाला, तरलोचन सिंह एवं डॉ. कंवरसेन सहित अनेक प्रमुख नेता व हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। श्री चौटाला ने चौधरी देवीलाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्व. जननायक ने अपना पूरा जीवन किसान, कमेरे वर्ग, मजदूर व व्यापारियों के लिए संघर्ष करते हुए न सिर्फ उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया बल्कि उन्हें उनके अधिकार दिलवाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। पूर्व मुख्यमन्त्री ने कहा कि हरियाणा के निर्माता चौधरी देवीलाल ने न सिर्फ देश की आजादी में अहम् भूमिका निभाई बल्कि अनेक बार जेल भी गए और उनमें सत्ता या पद को लेकर कभी कोई चाह नहीं थी और वे त्याग की प्रतिमूर्ति बनकर देश के उज्जवल भविष्य के लिए लड़ाई लड़ते रहे। एनडीए संयोजक शरद यादव ने स्व. उप-प्रधानमन्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि चौ. देवीलाल मन, कर्म और वचन के पक्के थे और जो भी वायदा करते थे उसे निभाने में वे पीछे नहीं हटते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें चौ. देवीलाल जी के साथ काम करने का सौभाग्य हासिल हुआ था और 1989 में प्रधानमन्त्री चुन लिए जाने के बावजूद अपना वचन निभाते हुए उन्होंने प्रधानमन्त्री का ताज अपने सिर से उतारकर वीपी सिंह के सिर पर रख दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसी त्याग की भावना किसी अन्य राजनेता में नहीं मिल सकती। संसद में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने स्व. उप-प्रधानमन्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि किसानों व मजदूरों के लिए लड़ाई लडऩे वाले चौधरी देवीलाल जैसे संघर्षशील व्यक्ति विरले ही होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें चौधरी देवीलाल के साथ काम करने का अवसर मिला था और स्वर्गीय जननायक ने दशकों तक किसानों की आवाज बुलंद कर उनके हक दिलवाने का काम किया और वे ऐसे व्यक्तित्व को शत-शत नमन करती हैं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने चौधरी देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्व. उप-प्रधानमन्त्री जमीन से जुड़े हुए किसानों के सबसे बड़े नेता थे। वे किसानों, मजदूरों व समाज के हर वर्ग के दर्द और समस्या को भलीभांति समझते थे। उनकी पहचान केवल हरियाणा के लिए थी बल्कि वे पूरे देश के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे और किसान उन्हें अपना नेता मानते हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल के संघर्ष की चर्चाएं चौपालों से लेकर संसद तक होती थी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजय गोयल, दिल्ली के भाजपा विधायक धर्मदेव सोलंकी, दिल्ली के मेयर डॉ. कंवरसेन व प्रवेश साहब सिंह वर्मा ने भी स्वर्गीय जननायक को श्रद्धांजलि भेंट की। सिरसा जिले में सिरसा के अलावा डबवाली, ऐलनाबाद, नाथुसरी चोपटा, औढ़ा, फूलका, खारियां व कालांवाली में भी श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करके स्व. जननायक को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। फरीदाबाद, गुडग़ांव, रेवाड़ी, नारनौल, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, हिसार, जीन्द, रोहतक, सोनीपत, पानीपत व यमुनानगर में भी सर्वधर्म सभाओं का आयोजन कर स्व. जननायक को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
नई दिल्ली: देश के प्रमुख राजनैतिक नेताओं ने चौधरी देवीलाल की नौवीं पुण्यतिथि पर आज जननायक को गरीब, कमेरे, कमजोर, दलित व किसान वर्ग का मसीहा बताते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। चौधरी देवीलाल की दिल्ली स्थित समाधि संघर्ष स्थल पर सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया। संघर्ष स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह व सर्वधर्म सभा में चौधरी देवीलाल को श्रद्धांजलि देने वालों में इनेलो सुप्रीमों ओमप्रकाश चौटाला, श्रीमती सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, शरद यादव, नामा नागेश्वर राव, सुल्तान सिंह, सुरेंद्र वशिष्ठ, विजय गोयल, प्रवेश साहब सिंह वर्मा, मनजिंदर सिंह, अवतार सिंह हित, धर्मदेव सोलंकी, अशोक अरोड़ा, अजय सिंह चौटाला, अभय सिंह चौटाला, तरलोचन सिंह एवं डॉ. कंवरसेन सहित अनेक प्रमुख नेता व हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। श्री चौटाला ने चौधरी देवीलाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्व. जननायक ने अपना पूरा जीवन किसान, कमेरे वर्ग, मजदूर व व्यापारियों के लिए संघर्ष करते हुए न सिर्फ उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया बल्कि उन्हें उनके अधिकार दिलवाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। पूर्व मुख्यमन्त्री ने कहा कि हरियाणा के निर्माता चौधरी देवीलाल ने न सिर्फ देश की आजादी में अहम् भूमिका निभाई बल्कि अनेक बार जेल भी गए और उनमें सत्ता या पद को लेकर कभी कोई चाह नहीं थी और वे त्याग की प्रतिमूर्ति बनकर देश के उज्जवल भविष्य के लिए लड़ाई लड़ते रहे। एनडीए संयोजक शरद यादव ने स्व. उप-प्रधानमन्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि चौ. देवीलाल मन, कर्म और वचन के पक्के थे और जो भी वायदा करते थे उसे निभाने में वे पीछे नहीं हटते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें चौ. देवीलाल जी के साथ काम करने का सौभाग्य हासिल हुआ था और 1989 में प्रधानमन्त्री चुन लिए जाने के बावजूद अपना वचन निभाते हुए उन्होंने प्रधानमन्त्री का ताज अपने सिर से उतारकर वीपी सिंह के सिर पर रख दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसी त्याग की भावना किसी अन्य राजनेता में नहीं मिल सकती। संसद में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने स्व. उप-प्रधानमन्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि किसानों व मजदूरों के लिए लड़ाई लडऩे वाले चौधरी देवीलाल जैसे संघर्षशील व्यक्ति विरले ही होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें चौधरी देवीलाल के साथ काम करने का अवसर मिला था और स्वर्गीय जननायक ने दशकों तक किसानों की आवाज बुलंद कर उनके हक दिलवाने का काम किया और वे ऐसे व्यक्तित्व को शत-शत नमन करती हैं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने चौधरी देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्व. उप-प्रधानमन्त्री जमीन से जुड़े हुए किसानों के सबसे बड़े नेता थे। वे किसानों, मजदूरों व समाज के हर वर्ग के दर्द और समस्या को भलीभांति समझते थे। उनकी पहचान केवल हरियाणा के लिए थी बल्कि वे पूरे देश के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे और किसान उन्हें अपना नेता मानते हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल के संघर्ष की चर्चाएं चौपालों से लेकर संसद तक होती थी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजय गोयल, दिल्ली के भाजपा विधायक धर्मदेव सोलंकी, दिल्ली के मेयर डॉ. कंवरसेन व प्रवेश साहब सिंह वर्मा ने भी स्वर्गीय जननायक को श्रद्धांजलि भेंट की। सिरसा जिले में सिरसा के अलावा डबवाली, ऐलनाबाद, नाथुसरी चोपटा, औढ़ा, फूलका, खारियां व कालांवाली में भी श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करके स्व. जननायक को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। फरीदाबाद, गुडग़ांव, रेवाड़ी, नारनौल, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, हिसार, जीन्द, रोहतक, सोनीपत, पानीपत व यमुनानगर में भी सर्वधर्म सभाओं का आयोजन कर स्व. जननायक को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।