सतगुरू ज्ञान के भण्डार
07 अप्रैल 2010
सिरसा: गत दिवस सरदार मलागर सिंह सुपुत्र सरदार गुरजन्ट के सी-ब्लॉक स्थित गृहनिवास पर गुरूद्वारा पातशाही दसवीं के तत्वाधान में कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख ग्रंथी भाई जसवीर सिंह ने अपने प्रवचनों में कहा कि सतगुरू ज्ञान के भण्डार होते हैं तथा वे शिष्यों के अज्ञान को दूर करते हैं। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों सूरज तथा हजारों चन्द्रमा भी मिलकर शिष्य के आंतरिक अंधकार को दूर नहीं सकते। सूरज और चन्द्रमा से संसार में तो उजाला हो सकता है परन्तु शिष्य के अंतस का तम व अन्धकार दूर नहीं हो सकता। जिस मनुष्य को अपने जीवन में सुख, शांति व परम आनन्द चाहिए उसके लिए सतगुरू की शरण लेना अति आवश्यक है। सतगुरू की शरण के बिना शिष्य का जीवन अंधकारमय है। इस अवसर पर छिन्द्रपाल सिंह, गुरमेल सिंह, गुरदीप सिंह, रघुबीर सिंह सहित अनेकों भक्तजन उपस्थित थे।
सिरसा: गत दिवस सरदार मलागर सिंह सुपुत्र सरदार गुरजन्ट के सी-ब्लॉक स्थित गृहनिवास पर गुरूद्वारा पातशाही दसवीं के तत्वाधान में कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख ग्रंथी भाई जसवीर सिंह ने अपने प्रवचनों में कहा कि सतगुरू ज्ञान के भण्डार होते हैं तथा वे शिष्यों के अज्ञान को दूर करते हैं। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों सूरज तथा हजारों चन्द्रमा भी मिलकर शिष्य के आंतरिक अंधकार को दूर नहीं सकते। सूरज और चन्द्रमा से संसार में तो उजाला हो सकता है परन्तु शिष्य के अंतस का तम व अन्धकार दूर नहीं हो सकता। जिस मनुष्य को अपने जीवन में सुख, शांति व परम आनन्द चाहिए उसके लिए सतगुरू की शरण लेना अति आवश्यक है। सतगुरू की शरण के बिना शिष्य का जीवन अंधकारमय है। इस अवसर पर छिन्द्रपाल सिंह, गुरमेल सिंह, गुरदीप सिंह, रघुबीर सिंह सहित अनेकों भक्तजन उपस्थित थे।