जेल में बंद बेटे से फोन पर बात कर यूं छलके मां की आंखों में आंसू
05 अप्रैल 2010
कैथल(मोहित) हजारों मील दूर जेल में बंद अपने बेटे से फोन पर बात कर ङ्क्षचतित मां-बाप को आखिर थोड़ी राहत मिली। जैसे ही इस बात का जगदीशपुरा के लोगों को पता चला कि तरणजीत का फोन आया है तो गांव की महिलाएं, बड़े, युवा और बच्चे तरणजीत के घर एकत्र हो गए तथा सुखङ्क्षवद्र कौर से बेटे के बारे में पूछने लगे। छलकते आंसुओं के बीच सुखङ्क्षवद्र कौर व बलबीर ने बताया कि यूएई में भारतीय दूतावास के प्रयासों से उनकी अपने बेटे तरणजीत से फोन पर लंबी बातचीत हुई। बातचीत में तरणजीत ङ्क्षसह ने बताया कि भारतीय दूतावास उनकी मदद के लिए प्रयासरत है। उसने इस बात की पुष्टि भी की है कि लोक भलाई पार्टी के नेता बीएस रामूवालिया द्वारा अधिकृत तीन सदस्यीय दल ने जेल में तरणजीत सहित सभी 17 भारतीयों से मुलाकात की है और पूरे देश की भावनाओं से उन्हें अवगत कराया है। तरणजीत की मां सुखङ्क्षवद्र कौर ने संवाददाताओं के दल को बताया कि तरणजीत सहित फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने को तैयार किसी भी भारतीय ने जेल में अपनी हिम्मत नहीं हारी है और उन्होंने भारत सरकार पर पूरा भरोसा जताया है। तरणजीत ने अपनी व्यथा मां को सुनाई तो वह फूट-फूट कर रो पड़ी। सुखङ्क्षवद्र कौर ने बताया कि फांसी की सजा काट रहे उनके बेटे तरणजीत ने विश्वास जाहिर किया है कि मां के आशीर्वाद से वह इस झूठे मुकदमे से आरोपमुक्त व बरी होकर शीघ्र स्वदेश लौटेगा। तरणजीत के परिजनों ने बताया कि गांव जगदीशपुरा की सरपंच कैलाश कौर के नेतृत्व में आज एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने पटियाला में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री महारानी परनीत कौर से मुलाकात की। रानी ने स्वयं सभी 17 युवकों के परिवारों को अपने यहां बुलाया था। तरणजीत के पिता बलबीर ङ्क्षसह ने बताया कि महारानी ने उन्हें कहा हैै कि सभी भारतीयों की ओर से फांसी की सजा के खिलाफ विधि विशेषज्ञों ने अपील तैयार कर ली है जो एक दो दिन में दायर की जाएगी। विदेश राज्यमंत्री ने इन परिवारों की पीड़ा को समझते हुए यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने दो वरिष्ठ वकील दुबई में अपने खर्च पर इनके बचाव के लिए नियुक्त किए हैं तथा उन्हें सभी को कानूनी तरीके से अपील कर बचाने का दायित्व सौंपा है। इसी प्रकार दिल्ली से भी एक वरिष्ठतम वकील को दुबई भेजा जा रहा है जो अपील की सुनवाई और बहस के समय दुबई की अदालत में उपस्थित रहकर सभी 17 भारतीयों की ओर से पैरवी करेगा। महारानी परनीत कौर ने पीडि़त परिवारों के लोगों को अपने निजी मोबाइल व टेलीफोन नम्बर देते हुए आग्रह किया है कि वे इस केस से संबंधित ताजा जानकारी के लिए जब चाहें, उनसे संपर्क कर सकते हैं। उधर उपमंडल मजिस्ट्रेट हवा ङ्क्षसह पचार ने राज्य के गृह सचिव को तरणजीत के परिवार की माली हालत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसमें यह विशेष उल्लेख किया गया है कि आर्थिक तंगी झेल रहे इस परिवार को मदद की जाए तथा जेल में बंद तरणजीत को मानवीय आधार पर अधिक से अधिक कानूनी मदद प्रदान की जाए। ग्रामीणों ने बताया कि तरणजीत के माता-पिता यूएई जाकर बेटे से तुरंत मिलना चाहते हैं, लेकिन उनके पास आने जाने के खर्च के लिए कोई पैसा नहीं है। वीजा प्रक्रिया भी आसान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव पंजाब के उन अन्य 16 युवकों के परिजनों के संपर्क में है जिनको तरणजीत के साथ एक ही मुकदमे में फांसी की सजा सुनाई गई है।
कैथल(मोहित) हजारों मील दूर जेल में बंद अपने बेटे से फोन पर बात कर ङ्क्षचतित मां-बाप को आखिर थोड़ी राहत मिली। जैसे ही इस बात का जगदीशपुरा के लोगों को पता चला कि तरणजीत का फोन आया है तो गांव की महिलाएं, बड़े, युवा और बच्चे तरणजीत के घर एकत्र हो गए तथा सुखङ्क्षवद्र कौर से बेटे के बारे में पूछने लगे। छलकते आंसुओं के बीच सुखङ्क्षवद्र कौर व बलबीर ने बताया कि यूएई में भारतीय दूतावास के प्रयासों से उनकी अपने बेटे तरणजीत से फोन पर लंबी बातचीत हुई। बातचीत में तरणजीत ङ्क्षसह ने बताया कि भारतीय दूतावास उनकी मदद के लिए प्रयासरत है। उसने इस बात की पुष्टि भी की है कि लोक भलाई पार्टी के नेता बीएस रामूवालिया द्वारा अधिकृत तीन सदस्यीय दल ने जेल में तरणजीत सहित सभी 17 भारतीयों से मुलाकात की है और पूरे देश की भावनाओं से उन्हें अवगत कराया है। तरणजीत की मां सुखङ्क्षवद्र कौर ने संवाददाताओं के दल को बताया कि तरणजीत सहित फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने को तैयार किसी भी भारतीय ने जेल में अपनी हिम्मत नहीं हारी है और उन्होंने भारत सरकार पर पूरा भरोसा जताया है। तरणजीत ने अपनी व्यथा मां को सुनाई तो वह फूट-फूट कर रो पड़ी। सुखङ्क्षवद्र कौर ने बताया कि फांसी की सजा काट रहे उनके बेटे तरणजीत ने विश्वास जाहिर किया है कि मां के आशीर्वाद से वह इस झूठे मुकदमे से आरोपमुक्त व बरी होकर शीघ्र स्वदेश लौटेगा। तरणजीत के परिजनों ने बताया कि गांव जगदीशपुरा की सरपंच कैलाश कौर के नेतृत्व में आज एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने पटियाला में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री महारानी परनीत कौर से मुलाकात की। रानी ने स्वयं सभी 17 युवकों के परिवारों को अपने यहां बुलाया था। तरणजीत के पिता बलबीर ङ्क्षसह ने बताया कि महारानी ने उन्हें कहा हैै कि सभी भारतीयों की ओर से फांसी की सजा के खिलाफ विधि विशेषज्ञों ने अपील तैयार कर ली है जो एक दो दिन में दायर की जाएगी। विदेश राज्यमंत्री ने इन परिवारों की पीड़ा को समझते हुए यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने दो वरिष्ठ वकील दुबई में अपने खर्च पर इनके बचाव के लिए नियुक्त किए हैं तथा उन्हें सभी को कानूनी तरीके से अपील कर बचाने का दायित्व सौंपा है। इसी प्रकार दिल्ली से भी एक वरिष्ठतम वकील को दुबई भेजा जा रहा है जो अपील की सुनवाई और बहस के समय दुबई की अदालत में उपस्थित रहकर सभी 17 भारतीयों की ओर से पैरवी करेगा। महारानी परनीत कौर ने पीडि़त परिवारों के लोगों को अपने निजी मोबाइल व टेलीफोन नम्बर देते हुए आग्रह किया है कि वे इस केस से संबंधित ताजा जानकारी के लिए जब चाहें, उनसे संपर्क कर सकते हैं। उधर उपमंडल मजिस्ट्रेट हवा ङ्क्षसह पचार ने राज्य के गृह सचिव को तरणजीत के परिवार की माली हालत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसमें यह विशेष उल्लेख किया गया है कि आर्थिक तंगी झेल रहे इस परिवार को मदद की जाए तथा जेल में बंद तरणजीत को मानवीय आधार पर अधिक से अधिक कानूनी मदद प्रदान की जाए। ग्रामीणों ने बताया कि तरणजीत के माता-पिता यूएई जाकर बेटे से तुरंत मिलना चाहते हैं, लेकिन उनके पास आने जाने के खर्च के लिए कोई पैसा नहीं है। वीजा प्रक्रिया भी आसान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव पंजाब के उन अन्य 16 युवकों के परिजनों के संपर्क में है जिनको तरणजीत के साथ एक ही मुकदमे में फांसी की सजा सुनाई गई है।