गूंगापन दूर
निक्की ब्राईस नामक 9 वर्षीय युवक ब्रिटिश बालक जन्म से ही गूंगा था हलाँकि उसमे बोलने के लिए सभी अंग सही थे, परन्तु जन्म दौरान पूरी आक्सीज़न नहीं मिल सकी, जिस कारण उसके बोलने की शक्ति दब गई उसका गूंगापन दूर करने के लिए परिवारजनों ने बहुत प्रयास किया, परन्तु असफल रहे आख़िर परिचातो की सलाह पर परिवारजनों ने निक्की को फलोरिडा के नियामी स्वच्छ हयूमन डालविन थरैपी सेंटर में भरती करवा दिया जहां डालफिनों की मदद से इलाज़ किया जाता हैं यह ढंग कई मानसिक रोगों में फायदेमंद साबित हुआ हैं जिसकी लोगो को जानकारी नही थी इस केन्द्र में मरीजो को डालफिनों से तालाब में तैरने के लिए कहां जाता हैं निक्की ब्राईस को पहले दिन से ही ऐसा करने से लाभ मिला कुछ समय बाद तालाब में तैरते हुए उसे जब तालाब से बाहर आने के लिए कहा गया, तो उसने तालाब की और इशारा करके पहले शब्द 'इन' कहा-जिसका मतलब यह हैं कि वह अभी पानी में और तैरना चाहता हैं इसके बाद उसने मोम, डैड जैसे शब्द बोलने शुरू कर दिए जिससे उसका गूंगापन दूर हो गया ''बीकर सिंह (प्रेसवार्ता)''