एक दर्जन वर्तमान विधायकों को नहीं पार्टी टिकट(दो दर्जन से ज्यादा होंगे- बागी उम्मीदवार)
नई दिल्ली(प्रैसवार्ता) 13 अक्तूबर को होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस टिकट के बढ़ रहे दावेदारों से न सिर्फ कांग्रेस आलाकमान परेशान है, बल्कि बागी उम्मीदवारों का आंकड़ा बढऩे के आसार नजर आने लगे हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर करीब दस हजार प्रत्याशियों की दावेदारी से स्पष्ट संकेत मिलता है कि राज्य में बड़े स्तर बागी उम्मीदवार होगे और विपक्षी दलों की नजरें भी बागी प्रत्याशियों पर लगी हुई हैं। ''प्रैसवार्ता'' को मिली जानकारी अनुसार परिसीमन आयोग की रिपोर्ट से 29 विधानसभाई क्षेत्रों में हुए बदलाव से वर्तमान 29 विधायकों को नये क्षेत्र ढूंढने पड़ रहे हैं। कांग्रेस टिकट प्राप्ति के इच्छुकों का दिल्ली में डेरा कांग्रेस को भारी पड़ रहा है, क्योंकि इनैलो के 42 तथा हजकां के 26 घोषित उम्मीदवारों ने जनसंपर्क में तेजी ला दी है। कांग्रेस से प्राप्त सूत्रों के अनुसार करीब एक दर्जन वर्तमान विधायकों को इस बार टिकट से वंचित रखा जा सकता है। ऐसे विधायकों में ज्यादातर लम्बी उमर तथा परिसीमन निर्णय के भुगत भोगी होंगे-जबकि चुनावी कसरत के लिए तैयारी कर रहे दो दर्जन से ज्यादा कांग्रेस टिकट न मिलने पर बगावत कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने हर हाल में चुनाव लडऩे का मन बनाया हुआ है। कांग्रेस से बगावत करने वालों की प्राथमिकता इनैलो टिकट प्राप्ति करना रहेगा, जबकि हजकां, बसपा, भाजपा, सभापा भी चलेगी। कांग्रेस की हर गतिविधी पर विरोधी दलों की नजरें हैं। इनैलो ने सबसे पहले 42 प्रत्याशी घोषित कर पहली जीत हासिल कर ली है, वहीं हजकां ने 26 प्रत्याशी घोषित कर अपनी रिपोर्ट में ही विद्रोही स्वरों को जन्म दे दिया है-जबकि इनैलो में विद्रोह शब्द ढूंढने पर भी नहीं मिला, क्योंकि पार्टी के नेता व कार्यकर्ता इनैलो आलाकमान के हर निर्णय को मान्य करने के आदी है। बसपा, भाजपा तथा सभापा भी चुनावी मैदान में रहेगी। राज्य में इनैलो, हजकां, भाजपा, बसपा, सभापा व अन्य दलों का ''अकेला चलो'' कार्यक्रम से कांग्रेस जरूर लाभांवित होगी, मगर आपसी गुटबंंदी व कलह, प्रत्याशियों की बगावत, बढ़ती महंगाई इत्यादि के खमियाजे से भी कांग्रेस बच नहीं पायेगी, ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है। राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी, इसका निर्णय तो मतदाता करेंगे, परन्तु इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता, कि ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस व इनैलो के बीच सीधा मुकाबला रहेगा।