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मुख्य सचिव, जो रिटायरमैंट लेने उपरांत भी नहीं हुए, रिटायर

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) 30 अक्तूबर 2009 को सरकारी सेवा में रिटायरमैंट लेने वाले मुख्य सचिव धर्मवीर को हरियाणा सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर पांच वर्ष के लिए नियुक्त कर दिया है-जबकि इससे पूर्व मुख्य सचिव रही मीनाक्षी आनंद चौधरी को रिटायरमैंट उपरांत सूचना आयुक्त नियुक्त किया जा चुका है। ''प्रैसवार्ता'' की सेवानिवृती की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की थी, तब उसने बड़े जोर-शोर से सेवा विस्तार के मामले पर रोक लगाने का इरादा जताया था, परन्तु पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में, जिस तरह आई.ए.एस अधिकारी, विशेषकर मुख्य सचिव सेवा निवृत्ति उपरांत ''एडजस्ट'' हो रहे हैं, उससे सेवानिवृति अपना अर्थ खो रही है। हरियाणा के मुख्य सचिवों का इसे रिकार्ड ही कहा जायेगा कि, जहां लगातार सात मुख्य सचिव ऐसे हुए हैं, जिन्होंने सेवा निवृति उपरांत भी अपने लिए अपनी सरकार में मनमाफिक रोजगार तलाश कर लिया है। पंजाब और हिमाचल प्रदेश भी इस मामले में पीछे नहीं है और दोनों राज्यों में पिछले तीन मुख्य सचिव सेवानिवृति उपरांत सरकारी सुख सुविधाओं का प्रबंध करने में सफल रहे हैं। मुख्य सचिवों का रिटायरमैंट उपरांत सरकारी ओहदे हासिल करने से राजनेताओं में जरूर बेचैनी हो, क्योंकि उन्हें मिलने वाले पद रिटायरमैंट उपरांत मुख्य सचिव हथिया लेते हैं। सरकार की सदा यह दलील रही है कि प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने के लिए मुख्य सचिवों को एडजस्ट किया गया है। हरियाणा में मुख्य सचिव आर.एस.वर्मा के बाद विष्णु भगवान मुख्य सचिव कुछ महीनों के लिए बने, जिन्हें सेवा निवृति उपरांत सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो का अध्यक्ष पद मिला, जो पहले राजनेताओं के पास होता था। बाद में विष्णु भगवान को गुरु जम्मेश्वर विश्वविद्यालय हिसार का कुलपति बनाया गया। विष्णु भगवान के बाद ललित मोहन गोयल मुख्य सचिव बने और उन्होंने भी सेवानिवृति उपरांत पटना और फिर चंडीगढ़ में केट के उपाध्यक्ष बने। श्री गोयल के बाद मुख्य सचिव के पद पर ऐ.एन.माथुर विराजमान हुए, जिन्हें हुड्डा सरकार में वित्त आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति मिली। यह पद भी पहले राजनेताओं के हिस्से में आता रहा था। श्री ऐ.एन.माथुर के बाद सुनील आहूजा मुख्य सचिव बने, जिन्हें भी सेवा निवृति उपरांत मुख्यमंत्री के सलाहाकार के पद पर विराज कर उसकी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखा गया। श्री आहूजा के बाद जी माधवन मुख्य सचिव बने और वह भी सेवा निवृति उपरांत मुख्य सूचना आयुक्त का पद हासिल करने में सफल रहे। पंजाब राज्य में मुख्य सचिव रहे आई.एस.रतड़ा सेवा निवृति उपरांत पंजाब बिजली बोर्ड के चेयरमैन बने और उनके बाद मुख्य सचिव रहे राजन कश्पय श्री रिटायरमैंट उपरांत मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर पहुंचने में सफल रहे। इसी प्रकार श्री कश्पय के बाद मुख्य सचिव बने जय सिंह गिल को भी सेवा निवृति उपरांत पंजाब बिजली नियामक आयोग के एडजस्ट किया गया। उधर हिमाचल प्रदेश में भी पिछले तीन मुख्य सचिव आर.के भट्टाचार्य, अरविन्द कौल व कंवर शमशेर सिंह सेवानिवृति उपरांत क्रमश: राज्य चुनाव आयुक्त, हिमाचल लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और बिजली बोर्ड के चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण व आकर्षक पदों पर नियुक्ति पाने में कामयाब रहे। हरियाणा सरकार से मुख्य सचिव के पद से करीब एक मास पूर्व ही सेवानिवृति लेने वाले धर्मवीर को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर आसीन करके राज्य सरकार ने एक नया रिकार्ड बना दिया है, जिससे भविष्य में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृति लेने वाले लाभांवित होते रहेंगे, ऐसा दिखाई देने लगा है।

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