यही है हरियाणा का सच
करनाल(प्रैसवार्ता)जी हां, यह हरियाणा का कटु सत्य है, कि प्रदेश में करीब 65 हजार बेरोजगार हैं और बेरोजगारी भत्ता सिर्फ 1500 को दिया जा रहा है। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने या फिर उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने में नम्बर वन हरियाणा का राग अलापने वाली हुड्डा सरकार की सही तस्वीर सरकारी आंकड़े ही करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक सरकारी तंत्र ने ''प्रैसवार्ता'' को बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्ति के लिए शर्तें पूरी करना और आई.ऐ.एस का कम्पीटीशन लडऩा एक समान है। बेरोजगारी भत्ता लेने के लिए बेरोजगारों के आंकड़े में निरंतर इजाफा हो रहा है। सरकारी शर्तों के मुताबिक बेरोजगार को पहले तो अपने पंजीयन के तीन साल बाद तक खाली बैठना होगा और उसके बाद यदि वह भूल गया, तो उसे फिर 3 साल लाईन में लगना होगा। इसी बीच बेरोजगारों को नवीनीकरण करवाने के लिए केवल दो मास का समय मिलता है, लेकिन अधिकांश बेरोजगार ऐसे मौके पर संभल नहीं पाते, क्योंकि विभाग इस सूचना को सार्वजनिक नहीं करता और बेरोजगारों को भत्ते से वंचित कर दिया जाता है।