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हरियाणा में ''पंजाबी लॉबी'' ने बढ़ाई गतिविधियां

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता)अक्तूबर मास में हुए विधानसभा चुनावों में प्रदेश के पंजाबी समुदाय से संबंधित मतदाताओं ने पंजाबी बिरादरी के मंत्री ऐ.सी. चौधरी तथा लछमण दास अरोड़ा को विधानसभा तक पहुंचने से रोकने पर स्पष्ट संकेत दे दिया, कि प्रदेश का पंजाबी मतदाता जागरूक हो चुका है और बिरादरी के नाम पर ठेकेदारी चमकाने वालों के दिन लद गये हैं। सत्ता में एक लम्बे समय तक पंजाबी वर्ग की बदौलत रहने वाले पंजाबी नेताओं को अपनी अनदेखी के कारण नकारने वाली पंजाबी बिरादरी ने संगठित होने के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ानी शुरू कर दी है। प्रैसवार्ता को मिली जानकारी अनुसार पंजाबी समुदाय से संबंधित पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पार्षद, नगर पार्षद, सरपंच-पंच इत्यादि से तालमेल बढ़ाने के लिए हरियाणवी पंजाबी सभा के नेता संतकुमार ऐडवोकेट ने अपना सम्पर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है। संतकुमार ने ''प्रैसवार्ता'' को बताया कि पिछले लंबे समय से उनकी सभा पंजाबी के हितों और अधिकारों के लिए प्रयासरत है, जिसमें तीव्रता लाई जायेगी। पंजाबी नेता ने स्वीकार किया कि उनकी बिरादरी के नाम पर ठेकेदार बने पंजाबी नेताओं की बोलती बंद हो गई, क्योंकि प्रदेश के ज्यादातर पंजाबी समुदाय के मतदाताओं ने कांग्रेस को अपनी हितैषी मानते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया, परन्तु बिरादरी के तथाकथित ठेकेदारों को कांग्रेस प्रत्याशी होने उपरांत भी इसलिए पराजित कर दिया, क्योंकि वह पंजाबी समुदाय की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे थे। हरियाणा में, जहां पंजाबियों का जनाधार काफी है, वहीं पंजाबी संगठनों की भी कमी नहीं है, जो अपने स्वार्थ सिद्ध तक ही ताल्लुक रखते हैं। प्रदेश का इतिहास साक्षी है, कि सत्ता प्राप्ति के लिए बिरादरी के स्वयंभू ठेकेदार चुनाव निकट आने पर अपनी-अपनी राजनीतिक दुकान सजा लेते हैं-ताकि पंजाबियत का चोलना पहन कर अपना उल्लू सीधा कर सकें-जबकि पंजाबी बिरादरी के हितों से इनका कोई सरोकार नहीं होता। राज्य का पंजाबी वर्ग अनुभव करता है, कि बिरादरी एकत्रित हो, बिरादरी में फैली कुरीतियों पर अंकुश लगे, पंजाबियत के उत्थान और विकास की योजनाएं बने, बिरादरी को जन संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व, अधिकार व मान-सम्मान मिले, परन्तु ऐसा नहीं हो रहा। विधानसभा के चुनाव परिणाम में पंजाबी बिरादरी के स्वयंभू ठेकेदारों को मिले राजनीतिक झटकों से लगता है, कि पंजाबी बिरादरी जागरूक और स्वार्थी लोगों से सतर्क हो गई है और यही कारण है कि संतकुमार ऐडवोकेट ने अपनी डुगडुगी बजा दी है।

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