इनेलों ने स्वाइन फ्लू के मामलें में हुड्डा सरकार की तीखी आलोचना की
चंडीगढ(विज्ञप्ति) इनेलो ने प्रदेश में तेजी से फैल रहे स्वाइन फ्लू पर चिन्ता जताते हुए इस मामले में हुड्डा सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाही की तीखे शब्दों में आलोचना की है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि पूरे देश में एक तरफ स्वाइन फ्लू के मामलों में कमी आ रही है लेकिन प्रदेश सरकार के निकम्मेपन के चलते हरियाणा में ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और हर दूसरे दिन किसी स्वाइन फ्लू ग्रस्त व्यक्ति की मृत्यु के समाचार मिल रहे हैं।
प्रदेश इनेलो अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वाइन फ्लू के खतरे को गम्भीरता से नहीं ले रही, न ही इस मामले में जनता को उचित तरीक से जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और ढीले रवैये के चलते ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामलों में एकदम से वृद्धि हुई है। इस सबके बावजूद प्रदेश सरकार बीमारी पर नियन्त्रण करने के गम्भीर प्रयास न करके केवल कोरी बयानबाजी से जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। खुद सरकार को मानना पड़ा है कि अब तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू के एक हजार से ज्यादा पॉजीटिव मामले पाए जा चुके हैं और भिवानी, सोनीपत, गुडग़ांव व यमुनानगर जिलों सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
श्री अरोड़ा ने कहा कि अभी तो सर्दियों की शुरुआत ही हुई है और कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि सर्दियों में यह फ्लू और फैल सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार को अपनी नींद से जागकर तुरन्त कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि इस बीमारी के फैलाव को काबू किया जा सके। दूसरी ओर प्रदेश में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का तो और भी बुरा हाल है और वे स्वयं ही बीमार पड़ी हैं। ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है वहीं शहरी अस्पतालों में भी विशेषज्ञों का अभाव है।
प्रदेश स्वास्थ्य मन्त्री के प्रेस बयान का हवाला देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि सरकार की कुम्भकरणी नींद का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार को अब जाकर रोहतक व अग्रोहा के मेडिकल कॉलेजों को अपनी प्रयोगशालाओं को स्वाइन फ्लू की जांच के लिए अपग्रेड करने के लिए कहने की सुध आई है। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू को फैले हुए लगभग चार महीने हो चुके हैं लेकिन इतने लम्बे समय तक सरकार ने इन प्रयोगशालाओं को स्वाइन फ्लू टेस्टिंग के लिए तैयार नहीं किया गया जिससे सरकार की गम्भीरता व लापरवाही का सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है।
प्रदेश इनेलो अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वाइन फ्लू के खतरे को गम्भीरता से नहीं ले रही, न ही इस मामले में जनता को उचित तरीक से जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और ढीले रवैये के चलते ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामलों में एकदम से वृद्धि हुई है। इस सबके बावजूद प्रदेश सरकार बीमारी पर नियन्त्रण करने के गम्भीर प्रयास न करके केवल कोरी बयानबाजी से जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। खुद सरकार को मानना पड़ा है कि अब तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू के एक हजार से ज्यादा पॉजीटिव मामले पाए जा चुके हैं और भिवानी, सोनीपत, गुडग़ांव व यमुनानगर जिलों सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
श्री अरोड़ा ने कहा कि अभी तो सर्दियों की शुरुआत ही हुई है और कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि सर्दियों में यह फ्लू और फैल सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार को अपनी नींद से जागकर तुरन्त कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि इस बीमारी के फैलाव को काबू किया जा सके। दूसरी ओर प्रदेश में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का तो और भी बुरा हाल है और वे स्वयं ही बीमार पड़ी हैं। ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है वहीं शहरी अस्पतालों में भी विशेषज्ञों का अभाव है।
प्रदेश स्वास्थ्य मन्त्री के प्रेस बयान का हवाला देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि सरकार की कुम्भकरणी नींद का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार को अब जाकर रोहतक व अग्रोहा के मेडिकल कॉलेजों को अपनी प्रयोगशालाओं को स्वाइन फ्लू की जांच के लिए अपग्रेड करने के लिए कहने की सुध आई है। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू को फैले हुए लगभग चार महीने हो चुके हैं लेकिन इतने लम्बे समय तक सरकार ने इन प्रयोगशालाओं को स्वाइन फ्लू टेस्टिंग के लिए तैयार नहीं किया गया जिससे सरकार की गम्भीरता व लापरवाही का सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है।