फूंक वाला मोबाइल! हवा से नियंत्रित होंगे मोबाइल हैंडसेट
19 जनवरी 2010
प्रस्तुति: तरकश ब्यूरो
पहले सामान्य कीपैड वाला मोबाइल हैंडसेट आता था, फिर क्वेरटी कीबॉर्ड वाला मोबाइल आया, फिर टचस्क्रीन मोबाइल आया और अब हवा से नियंत्रित होने वाला मोबाइल! जी हाँ, जिक्सियो नामक एक अमेरिकी कम्पनी ने एक अनोखी मोबाइल तकनीक विकसित की है। सेंसावाफ्ट नामक इस तकनीक की मदद से फूंक के द्वारा मोबाइल अप्लिकेशन को नियंत्रित किया जा सकेगा। जिक्सियो की सह-स्थापक सिलाइन वानल इस अप्लिकेशन की उपयोगिता के बारे में बताती हैं कि यह तकनीक उतनी ही कुशलता से कार्य करती है जितनी कि टच पैड. यानी कि टचपैड तकनीक में प्रयोक्ता जिस तरह से ऊँगली के माध्यम से फोन के फंक्शन संचालित कर सकता है, वही काम इस तकनीक मे वह फूँक मारकर कर सकता है।
कहाँ काम आएगी यह तकनीक: जाहिर है आम लोग तो ऐसा मोबाइल हैंडसेट शायद ही चाहेंगे जिसकी स्क्रीन पर उन्हें दिन में कई बार फूँक मारनी पड़े! लेकिन यह तकनीक सैनिकों और फैक्टरी के मजदूरों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। सैनिकों को लड़ाई के मैदान में हमेशा चौकस रहना पड़ता है और उनके हाथ में बंदूक होती है। इसलिए यदि कोई मोबाइल हैडसेट उनके शरीर से फिट किया जा सके और जिसे हवा के माध्यम से संचालित किया जा सके तो यह उनके लिए उपयोगी साबित होगा. यही बाद फैक्टरी कर्मचारियों पर भी लागू होती है। वैसे यह तकनीक गेमिंग सोफ्टवेर में भी इस्तेमाल की जा सकती है और जिक्सिया के इंजीनियर इसका प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
कैसे काम करती है यह तकनीक? सेंसावाफ्ट तकनीक माइक्रोइलैक्ट्रोमैकेनिक तकनीक के माध्यम से कार्य करती है. इस तकनीक में मोबाइल डिवाइज के साथ छोटे छोटे चिप्स लगाए जाते हैं जो हवा के दबाव को महसूस कर उस हिसाब से निर्देश जारी करते हैं।
भविष्य: इस तकनीक का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि बड़ी मोबाइल कम्पनियाँ इस तकनीक को अपनाती है या नहीं! जिक्सिया कम्पनी के संचालक भविष्य को लेकर आशांवित हैं परंतु यह तकनीक उपयोगी होने के साथ साथ थोड़ी "विचित्र" भी कही जा सकती है, आखिर मोबाइल स्क्रीन पर फूँक मारना कौन चाहेगा?
कहाँ काम आएगी यह तकनीक: जाहिर है आम लोग तो ऐसा मोबाइल हैंडसेट शायद ही चाहेंगे जिसकी स्क्रीन पर उन्हें दिन में कई बार फूँक मारनी पड़े! लेकिन यह तकनीक सैनिकों और फैक्टरी के मजदूरों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। सैनिकों को लड़ाई के मैदान में हमेशा चौकस रहना पड़ता है और उनके हाथ में बंदूक होती है। इसलिए यदि कोई मोबाइल हैडसेट उनके शरीर से फिट किया जा सके और जिसे हवा के माध्यम से संचालित किया जा सके तो यह उनके लिए उपयोगी साबित होगा. यही बाद फैक्टरी कर्मचारियों पर भी लागू होती है। वैसे यह तकनीक गेमिंग सोफ्टवेर में भी इस्तेमाल की जा सकती है और जिक्सिया के इंजीनियर इसका प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
कैसे काम करती है यह तकनीक? सेंसावाफ्ट तकनीक माइक्रोइलैक्ट्रोमैकेनिक तकनीक के माध्यम से कार्य करती है. इस तकनीक में मोबाइल डिवाइज के साथ छोटे छोटे चिप्स लगाए जाते हैं जो हवा के दबाव को महसूस कर उस हिसाब से निर्देश जारी करते हैं।
भविष्य: इस तकनीक का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि बड़ी मोबाइल कम्पनियाँ इस तकनीक को अपनाती है या नहीं! जिक्सिया कम्पनी के संचालक भविष्य को लेकर आशांवित हैं परंतु यह तकनीक उपयोगी होने के साथ साथ थोड़ी "विचित्र" भी कही जा सकती है, आखिर मोबाइल स्क्रीन पर फूँक मारना कौन चाहेगा?