रजिस्ट्रेशन बगैर नहीं चलेंगे क्लीनिक, लैब
29 जनवरी 2010
प्रस्तुति: प्रैसवार्ता
नई दिल्ली। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और अवैध तरीके से भ्रूण परीक्षण पर अंकुश लगाने की कोशिश के तहत कैबिनेट ने वीरवार को क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन बिल को मंजूरी दे दी। इसके तहत सभी निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं तथा लैबों के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा और वे एक नियामक ढांचे के तहत आ जाएंगे। इसके साथ ही कैबिनेट ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम चलाने को मंजूरी दे दी। इस योजना पर मौजूदा पंचवर्षीय योजना अवधि में 182 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूर बिल के अनुसार सभी अस्पतालों और लैबों के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर डॉक्टर द्वारा संचालित क्लिनिकों को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उन्हें भारतीय जन स्वास्थ्य मानक का पालन करना होगा। उम्मीद की जा रही है कि इस महत्वपूर्ण विधेयक के जरिए अवैध तरीके से अल्ट्रासाउंड करके लिंग निर्धारण करने वाले निजी लैबों पर रोक लग सकेगी।