सैक्स वर्करों को मुख्य धारा से जोडऩा प्रशंसनीय
01 फरवरी 2010
चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) केन्द्र सरकार द्वारा घोषित उज्जवला योजना और धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा द्वारा सैक्स वर्करों को मुख्य धारा में लाने के लिए किये गये प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं। डेरा सच्चा सौदा में सैक्स वर्करों की शादी करवाकर उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे की पहल भी की जा चुकी है। केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार हरियाणा सरकार ने बाल कल्याण अधिकारी एवं बाल विकास एवं महिला परियोजना अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्य योजना तैयार करने का आदेश दिया है। प्रत्येक में सैक्स वर्करों की संख्या कितनी है, इसकी गणना तथा पहचान करने में तो समय लगेगा, लेकिन प्रयास रहेगा कि इस योजना से कई सैक्स वर्कर वंचित न रह पाये। सरकारी तंत्र द्वारा सैक्स वर्कर की पहचान के लिए तैयार किये गये प्रारूप के अनुसार शहरों की स्लम बस्तियों में पहुंचकर कुछ सफलता जरूर हासिल की है। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष सैक्स वर्करों की बढ़ती संख्या और समस्याओं को देखते हुए उज्जवला घोषणा के तहत सैक्स वर्करों को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए कई कार्यक्रम चलाये हैं। राज्य सरकारें सैक्स वर्करों की पहचान करके उनके लिए प्रोजैक्ट बनाकर केन्द्र सरकार को भेजेंगी और केन्द्र सरकार को प्रौजेक्ट को अमली जामा पहनाने पर होने वाले खर्च की पूर्ति करेगी।
चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) केन्द्र सरकार द्वारा घोषित उज्जवला योजना और धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा द्वारा सैक्स वर्करों को मुख्य धारा में लाने के लिए किये गये प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं। डेरा सच्चा सौदा में सैक्स वर्करों की शादी करवाकर उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे की पहल भी की जा चुकी है। केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार हरियाणा सरकार ने बाल कल्याण अधिकारी एवं बाल विकास एवं महिला परियोजना अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्य योजना तैयार करने का आदेश दिया है। प्रत्येक में सैक्स वर्करों की संख्या कितनी है, इसकी गणना तथा पहचान करने में तो समय लगेगा, लेकिन प्रयास रहेगा कि इस योजना से कई सैक्स वर्कर वंचित न रह पाये। सरकारी तंत्र द्वारा सैक्स वर्कर की पहचान के लिए तैयार किये गये प्रारूप के अनुसार शहरों की स्लम बस्तियों में पहुंचकर कुछ सफलता जरूर हासिल की है। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष सैक्स वर्करों की बढ़ती संख्या और समस्याओं को देखते हुए उज्जवला घोषणा के तहत सैक्स वर्करों को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए कई कार्यक्रम चलाये हैं। राज्य सरकारें सैक्स वर्करों की पहचान करके उनके लिए प्रोजैक्ट बनाकर केन्द्र सरकार को भेजेंगी और केन्द्र सरकार को प्रौजेक्ट को अमली जामा पहनाने पर होने वाले खर्च की पूर्ति करेगी।