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नशा व्यापार की कमान महिलाओं के हाथ

03 फरवरी 2010
डबवाली
(प्रैसवार्ता) हर क्षेत्र में पुरूषों की बराबरी कर रही महिलाओं ने पुरूषों को पीछे छोड़ते हुए नशा व्यापार कमान संभाल ली है। त्रिवेणी के नाम से जाने जाना वाला हरियाणा राज्य के सिरसा जिला का उपमंडल मुख्यालय डबवाली नशा व्यापारियों के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। पंजाब-हरियाणा तथा राजस्थान की सीमा पर बसा डबवाली शहर का कुछ भाग पंजाब राज्य के मुक्तसर तथा बठिण्डा जिला की सीमा में आता है और शायद यही कारण है कि नशे के तस्कर डबवाली तथा इसके आसपास के ग्रामों को अपना ठिकाना बना चुके हैं। पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नशेड़ी राजस्थान से अफीम, भुक्की व पोस्त इत्यादि की तस्करी करने वालों पर निर्भर है। नशेडिय़ों की लत की पूर्ति के लिए ज्यादातर महिलाएं राजस्थान से अफीम, भुक्की व पोस्त इत्यादि लाने लगी, क्योंकि राजस्थान की बदौलत मालवा क्षेत्र में इसके दाम ज्यादा है। यही महिलाएं धीरे-धीरे नशे के व्यापारियों के संपर्क में आकर धंधा करने लगी है-जिनसे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। कुछ संभ्रात परिवारों की महिलाओं का रूझान भी इस ओर देखा जाने लगा है, जो फाईनैंसर बनकर गरीब व मजदूर महिलाओं को बहला फुसला कर इस धंधे को अपनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है। उत्तरी भारत के मानचित्र को, यदि नशे व्यापार की दृष्टि से देखें, तो पंजाब राज्य का मालवा क्षेत्र पहले नम्बर पर आयेगा, जिस क्षेत्र में 80 प्रतिशत तक लोग नशा करते हैं-जिनमें महिलाओं की भी प्रभावी भागीदारी है। कुछ समय पूर्व राजस्थानी महिलाएं ही इस क्षेत्र में नशे का व्यापार करती थी, मगर अब स्थिति बदल चुकी है। इस क्षेत्र की कुछ महिलाएं सीधे नशे मंगवाती है और फिर महिलाओं के माध्यम से ही होम डिलीवरी करती है। ''प्रैसवार्ता'' को मिली जानकारी अनुसार महिलाओं के इस नशे व्यापार को मर्दों का खुला संरक्षण है। नाम न छापने की शर्त पर एक महिला ने ''प्रैसवार्ता" को बताया कि मालवा क्षेत्र के ज्यादातर ग्रामों में महिलाएं ही नशे का कारोबार करती है, जबकि पुरूष नशा करके ग्रामों की चौपालों पर ताश इत्यादि खेलते हैं। नशे के तस्करों के अनुसार डबवाली तथा पड़ौसी राज्य पंजाब के निकटवर्ती पुलिस स्टेशनों में बकायदा नीलामी होती है या प्रभावी राजनीतिक प्रभाव उपरांत ही नियुक्ति होती है। चूल्हा-चौका रसोई इत्यादि से दूर हो चुकी मालवा क्षेत्र की ज्यादातर महिलाएं एक दूसरे की आर्थिक स्थिति में बदलाव को देखते हुए इस व्यापार से जुड़ रही है। नशे का कारोबार करने वाले तस्करों ने अपने नैटवर्क में महिलाओं की इस कद्र तक भागीदारी बना दी है और दोनों ही एक दूसरे का होकर रह गये हैं। कुछ तस्कर अपनी सहयोगी महिलाओं की रंगीन मिजाज पुलिसिया तंत्र तक भी सप्लाई देते हैं, ऐसी भी जानकारी मिली है।

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