आधे से ज्यादा हरियाणवी करते हैं-नशा
03 फरवरी 2010
चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) हरियाणा में 60 प्रतिशत लोग शराब, अफीम, गांजा, भांग, चरस, पोस्त बाऊन, शूगर, नशीले इंजैक्शन व नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं-जबकि एक प्रतिशत महिलाएं भी नशा करती हैं। ''प्रैसवार्ता" द्वारा करवाये गये एक सर्वेक्षण अनुसार प्रदेश के लगभग सभी वर्गों व व्यवसायों से जुड़े लोग इन नशों की गिरफ्त में है। चालीस प्रतिशत लोग शराब का सेवन करते हैं, जिनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी, कृषक व मजदूर वर्ग विशेष भूमिका रखते हैं। प्रदेश का करीब 60 प्रतिशत युवा वर्ग शराब, धूम्रपान तथा नशीले पदार्थों का सेवन करता है, मगर शराब सेवन को युवा वर्ग में स्टेटस सिंबल माना जाता है। इसी स्टेट्स सिंबल को बनये रखने के लिए युवा वर्ग का रूझान अपराध जगत की ओर बढ़ऩे लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल ने युवा वर्ग की अपराधिक प्रवृत्ति पर रोक लगाने व समाज को नशे की लत से मुक्त कराने के लिए शराब बंदी लागू की थी, मगर उसमें सरकार सफल नहीं हो पाई थी। शराब बंदी के दौरान युवा वर्ग व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने लग गये थे और बाद में वह कई घातक नशों का शिकार होकर नशेड़ी बन गये।