सिटीकिंग परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। सिटीकिंग परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 098126-19292 पर संपर्क करे सकते है।

BREAKING NEWS:

तांत्रिक बनते जा रहे हैं-समाज के लिए खतरा

03 फरवरी 2010
हिसार(प्रैसवार्ता) हरियाणा प्रदेश में ज्यादातर तांत्रिक स्वयं को महाकाली का पुराना उपासक, बंगाली काले ईलम का विशेषज्ञ, तांत्रिक शक्तियों का बेताज बादशाह होने का दावा करके लोगों को अंधविश्वसास में फंसा कर उनका आर्थिक व दैहिक शोषण कर रहे हैं। केन्द्र सरकार के औषधि एवं जादू टोना अधिनियम को ठेंगा दिखाकर यह तांत्रिक समाचार पत्रों, इश्तिहारों तथा दीवारों पर लिखवाकर जनसाधारण को गुमराह कर रहे हैं। ''प्रैसवार्ता" को मिली जानकारी अनुसार सिरसा के एक तांत्रिक ने राज्य भर में कमीशन पर कुछ लोग रखे हुए हैं-जो इस तांत्रिक का गुनगान करके इसके जाल में फंसाने में अहम् भूमिका निभाते हैं। ऐसे कमीशन धारक परिस्थितियों में उलझे, किसी भी तरह से पीडि़त व संकट में घिरे लोगों को ढूंढ कर तथा फिर उन्हें सब्जबाग दिखाकर बलि का बकरा बनाने के लिए तांत्रिक तक पहुंचा देते हैं, जहां उसका शोषण शुरू हो जाता है। हर समस्या का समाधान करने में सक्षम होने का दावा करने वाले ज्यादातर तांत्रिक कारोबार, संतान हीनता, विदेश यात्रा, घरेलू कलह, वंशीकरण, तबादला, सौतन मुक्ति, मुकद्दमेबाजी में जीत का चंद घंटों में ही चमत्कारी समाधान का सम्जबाग दिखाकर बड़े पैमाने पर आर्थिक शोषण करते हुए बेरोक टोक अपना कारोबार बखूबी चलाये हुए हैं। कुछ तांत्रिक थोड़ी सी धन राशी लेकर पहले किसी न किसी को जाल में फंसा लेते हैं और फिर धीरे-धीरे आर्थिक शोषण में वृद्धि करते हुए उसे खौफ दिखाकर पशु बलि या नर बली तक भी तैयार कर लेते हैं-जोकि कानूनन दंडनीय अपराध है। कुछ तांत्रिक वैज्ञानिक नुस्खों जैसे नींबू से खून निकालना, पैसे का जल कर राख होना, दीये का अपने आप चलना इत्यादि क्रियाएं दिखाकर तांत्रिक शक्ति का दावा करके ताबीज, धागा देकर संकट हल होने का विश्वास दिलाकर मदिरा, पशु बलि इत्यादि की महाकाली के नाम पर मांग करते हैं-जबकि कई महिलाओं की विवशता का अनुचित लाभ उठाकर उनका शाीरिक शोषण करने से भी गुरेज नहीं करते। बांझ स्त्री को संतान प्राप्ति के चक्कर में उलझाकर उनसे दैहिक संबंध बनाने के अतिरिक्त कई तांत्रिक बच्चे की बलि इत्यादि दिलवा देते हैं-इस पर बांझ स्त्री की गोद हरी हो या नहीं, मगर किसी मां की गोद जरूरी सूनी हो जाती है।

Post a Comment