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सत्य ही शिव, सत्य ही मां दुर्गा

05 मार्च 2010
सिरसा(अमित सोनी) बाल रसिक संघ द्वारा अनाज मंडी में चल रहे श्री मद्भागवत कथा सप्ताह महोत्सव के दूसरे दिन श्री गौरव गोस्वामी जी ने व्यास पीठ से कथा का व्याख्यान देते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र करने से व्यक्ति की भावना में तन्मयता हो जाती है। उन्होंने कहा कि धर्म जगत में जितने भी योग, यज्ञ, तप, अनुष्ठान आदि किए जाते हैं उन सबका एक ही लक्ष्य होता है कि हमारी भक्ति भगवान में लगी रहे। मैं अहर्निशं प्रतिक्षण प्रभु प्रेम में ही समाया रहूं। संसार के प्रत्येक कण में हमें मात्र अपने प्रभु का ही दर्शन हो। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से भगत के हृदय में ऐसी भावनाएं समाहित हो जाती हैं कि वह मन, वाणी और कर्म से प्रभु में लीन हो जाता है। श्री व्यास जी ने सत्य की वंदना के द्वारा मंगलाचरण किया और भागवत कथा का विश्राम भी सत्य की वंदना के द्वारा ही किया है क्योंकि सत्य ही कृष्ण है और सत्य ही प्रभु श्रीराम हैं। सत्य ही शिव एवं सत्य ही मां दुर्गा हैं। कथा के दौरान श्री जी ने कहा कि बिहारी जी का दास कभी उदास नहीं होता। भगवान से जब हम बातें करते हैं तो वह हमारी प्रार्थना है परंतु जब भगवान आपसे बात करते हैं तो वह हमारी भक्ति है। भक्ति के सूत्रोंं का वर्णन करते हुए गोस्वामी जी ने कहा कि भक्ति के माध्यम से ही चैतन्य महाप्रभु ने नाम जप का प्रचार व प्रसार किया। उन्होंने उस समय के प्रकांड विद्वान प्रकाशन नंद को भी भक्ति में लीन करके अपना शिष्य बनने पर बाध्य कर दिया। मेरी सुध लीजो विषभान दुलारी... व प्यारो राधा रानी को नाम कि बोलो राधे-राधे, मीठो राधा रानी को नाम बोलो राधे-राधे... आचार्य जी ने जब यह भजन गाया तो सारा पंडाल मस्ती से झूम उठा। कथा के विश्राम की ओर बढ़ते हुए श्रीजी ने गोकरण जी की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि पुत्र को पिता ने उपदेश दिया है कि अब आप अपनापन, लोभ, मोह छोड़कर वन गमन करें जिसे सुनकर भक्तजन बड़े प्रफुल्लित हो उठे कि सभी को ऐसा पुत्र मिले और सारा पंडाल महाराज श्री जी को संबोधित करते हुए एक स्वर में गा उठा-हरि की कथा सुनाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम, प्रभु का नाम सुनाने वाले तुमको लाखों प्रणाम। कथा सप्ताह महोत्सव में मुख्य यजमान के तौर पर मा. रोशन लाल गोयल, सुदर्शन चावला, कृष्ण सिंगला नगर पार्षद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, मोहन भुटानी, भजन गायक भैया कृष्ण भुटानी, डॉ. राकेश पुरी, संजीव जैन ने आचार्य जी व भागवत जी की आरती की। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों को बाल रसिक संघ की ओर से सम्मानित किया गया।

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